लव और सेक्स: एस्ट्रो की नजर- अंतिम
शनि की राशियाँ : मकर और कुंभ
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भारती पंडित आज इस आखरी कड़ी में हम बात करेंगे शनि के स्वामित्व वाली राशियों की। शनि मकर और कुंभ इन दो राशियों पर स्वामित्व रखते हैं। मकर राशि में शनि के गुण और अवगुण पूर्ण प्रबलता के साथ मौजूद रहते हैं। इस राशि के स्त्री-पुरुष स्वभाव से काफी पजेसिव, चिढ़चिढ़े और थोड़े स्वार्थी भी होते हैं। यदि लग्न पर शुक्र या चन्द्र का प्रभाव न हो तो रूप रंग एकदम साधारण ही होता है। अहंकार बहुत होता है। महत्वाकांक्षाएँ प्रबल होती है मगर स्वभाव में आलस प्रधान भाव होने से लक्ष्य से भटकते रहते हैं। इसका दोष आसानी से हालात या साथी पर डालने में चूकते नहीं है। इन्हें निराशा भी जल्दी घेरती है और यदि चन्द्र केतु की युति हो तो यह एक डिसऑर्डर में भी बदल सकता है। मकर राशि के पुरुष लव के मामले में अतिवादी और कन्फ्यूज्ड होते हैं। साथी से अपेक्षाएँ बढ़ी-चढ़ी होती है। पुराने ख्यालों के चलते स्त्री को सदा सेवा में हाजिर रहना चाहिए या पति की सेवा ही स्त्री का धर्म है, ऐसी बातों पर अटूट विश्वास रखते हैं। इसके चलते साथी से मतभेद रहना आम बात है। सेक्स में ये बेजोड़ रहते है मगर बात यहाँ भी अतिवादिता की ही होती है। इनकी इच्छा ही सर्वोपरि रहती है। साथी की इच्छा-अनिच्छा का मान रखना चाहिए, इसका ख्याल इन्हें सहसा नहीं आता है।
मकर राशि की स्त्रियाँ परिवार से अटैच्ड होती हैं। इतनी अधिक अटैच्ड कि इनकी पजेसिवनेस दूसरों को परेशानी में डाल देती है। कई बार अपनों से दूर न जाने देने की जिद में साथी और बच्चों के हाथ से अच्छे अवसर निकल जाते हैं। घर को व स्वयं को सजाने-सँवारने का शौक रहता है। सेक्स के मामले में अच्छी साथी सिद्ध होती हैं। इनका जीवन पति और परिवार की चिंता में ही बीत जाता है। अपने लिए कुछ नया करने की चाह इनमें अक्सर नहीं देखी जाती। कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि है जिसमें शनि के पॉजिटिव गुण मौजूद रहते हैं। इस राशि के स्त्री-पुरुष मेहनती, दूरदृष्टि रखने वाले और कुशाग्र होते हैं। इनमें शनि के स्वभाव के अनुसार धीमे लेकिन व्यवस्थित काम करने की आदत होती है। हाँलाकि कुछ कुंभ राशि को लोग इतने फुर्तीले होते हैं कि चैन से बैठ ही नहीं पाते। इन्हें हर वक्त कोई ना कोई काम करना अच्छा लगता है। फालतू नहीं बैठ सकते। थोड़े आलसी भी होते हैं, जिसके चलते अच्छे अवसर हाथ से निकल जाते हैं। कुंभ राशि में वाणी की स्पष्टता होती है, जिसे अकसर हर कोई नहीं स्वीकार कर सकता है। ये लोग चापलूस नहीं होते, सही को सही और गलत को गलत कहने में नहीं डरते इसी वजह से प्रैक्टिकली दुख पाते हैं। बिना सोचे-समझे बोलने की आदत के चलते लव लाइफ में खट-पट होती ही रहती है। साथी का ख्याल तो खूब रखते हैं लेकिन अभिव्यक्त करने में कमजोर होते हैं। सेक्स के मामले में ये नॉर्मल रहते हैं। इनके मूड का सेक्स लाइफ पर बड़ा ही प्रभाव पड़ता है। कई बार विरक्ति का भाव भी देखने में आता है। इस राशि की स्त्रियाँ मेहनती होती है। स्वतंत्र सोच रखने वाली, स्वाभिमानी होती हैं। इन्हें अपने निर्णयों में किसी का दखल पसंद नहीं होता। कई बार शादी में भी सही मैच न मिलने से देर होती जाती है। साथी को एक पूर्ण व्यक्ति के रूप में आदर्श रूप में देखना चाहती हैं। लव का इजहार इनके लिए मुश्किल होता है। सेक्स में भी साथ तो देती है मगर पहल करने से बचती हैं। इन्हें समझना बेहद मुश्किल है क्योंकि प्रेम के बारे में इन्हें छिछोरापन जरा भी पसंद नहीं। ये देह से परे मन की गहराई से बने रिश्ते में विश्वास रखती हैं। प्यार के नकली रूप को पहचानने की नजर रखती हैं अत: इनको छलना आसान नहीं।