ग्रह बताएँ जीवन के विविध रंग
नौ ग्रह होते हैं शरीर के प्रतीक
कुंडली के नौ ग्रह मानव शरीर के अवयवों एवं संबंधी मित्रों के परिचायक हैं। किस ग्रह से हमें क्या जानकारी मिलती है। देखें - 1.
सूर्य : जन्म के समय सूर्य की स्थिति से जातक की देह, पिता, पराक्रम, धन, प्रसिद्धि व आसक्ति का विचार किया जाता है। यह पित्त प्रधान है।2.
चंद्र : यह वात व कफ प्रधान है। इसकी स्थिति से बुद्धि, मानसिक अवस्था, व्यावहारिक ज्ञान, माता, राज्य सुख व संचार सुख का विचार किया जाता है। 3.
मंगल : यह पित्त प्रधान ग्रह है। इसके द्वारा साहस, आत्मबल, रोग, छोटे बहिन-भाई, भूमि, शत्रु, रक्त विकार का विचार किया जाता है।4.
बुध : यह वात पित्त कफ प्रधान है। इससे विद्या, विवेक, व्यवहार बुद्धि, मामा, वाकपटुता, मित्र, वाणिज्य, गणित आदि का विचार किया जाता है।
5.
बृहस्पति : यह कफ प्रधान ग्रह है। इससे शरीर यष्टि, सुख, पुत्र, विद्या, ज्ञान, धन व धार्मिकता का विचार किया जाता है।6.
शुक्र : यह वात व कफ प्रधान ग्रह है। वस्त्राभूषण, वाहन सुख, काम सुख, व्यापार, कला का विचार इससे किया जाता है। 7.
शनि : यह वातप्रधान ग्रह है। इसकी स्थिति से जातक की आयु, जीविका, नौकरों से सुख, मृत्यु का कारण, राज्यदंड, कारावास आदि का विचार किया जाता है। राहु-केतु को प्राय: छाया ग्रह माना जाता है। राहु के द्वारा राजनीति, स्वार्थ-कूटनीति व पितामह का विचार किया जाता है।केतु के द्वारा मातामह, आध्यात्म, मोक्ष, विरक्ति, सांसारिक रुचि का विचार किया जाता है। विशेष : कुंडली के बलवान ग्रह उपरोक्तानुसार विषयों का श्रेष्ठ सुख देते हैं व कमजोर ग्रह उन स्थानों का सुख कम करते हैं।