शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. रत्न विज्ञान
  4. Astrology special gem stones and health
Written By

क्या रत्नों से संभव है औषधीय उपचार, जानिए कैसे करें रोगों का नाश

क्या रत्नों से संभव है औषधीय उपचार, जानिए कैसे करें रोगों का नाश - Astrology special gem stones and health
शा‍लिनी शर्मा, जयपुर   

रत्न विज्ञान के अनुसार हजारों वर्षों से वैद्य रत्नों की भस्म और हकीम रत्नों की षिष्टि प्रयोग में ला रहे हैं। रसराज समुच्चय के अनुसार, हीरे में विशेष गुण यह है कि रोगी यदि जीवन की अंतिम सांस ले रहा हो, ऐसी अवस्था में हीरे की भस्म की एक खुराक से चैतन्यता आ जाती है। आइए जानें  कैसे होगा रत्न से रोगों के उपचार :- 
 
* हीरे की भस्म से क्षयरोग, जलोदर, मधुमेह, भगंदर, रक्ताल्पता, सूजन आदि रोग दूर होते हैं। हीरे में वीर्य बढ़ाने की शक्ति है। पांडु, जलोदर, नपुंसकता रोगों में विशेष लाभकारी सिद्ध होती है।
 
* माणिक्य भस्म शरीर मे उष्णता और जलन दूर करती है। यह रक्तवर्धक और वायुनाशक है। उदर शूल, चक्षु रोग और कोष्ठबद्धता में भी इसका प्रयोग  होता है और इसकी भस्म नपुंसकता को नष्ट करती है।
 
* कैल्शियम की कमी के कारण उत्पन्न रोगों में मोती बहुत लाभकारी होता है। मुक्ता भस्म से क्षयरोग, पुराना ज्वर, खांसी, श्वास-कष्ट, रक्तचाप,  हृदयरोग में लाभ मिलता है।
 
* मूंगे को केवड़े में घिसकर गर्भवती के पेट पर लेप लगाने से गिरता हुआ गर्भ रुक जाता है। मूंगे को गुलाब जल में बारीक पीसकर छाया में सुखाकर  शहद के साथ सेवन करने से शरीर पुष्ट बनता है। खांसी, अग्निमांद्य, पांडुरोग की उत्कृष्ट औषधि है।
 
* पन्ना, गुलाब जल या केवड़े के जल में घोटकर उपयोग में आता है। यह मूत्र रोग, रक्त व्याधि और हृदय रोग में लाभदायक है। पन्ने की भस्म ठंडी  मेदवर्धक है, भूख बढ़ाती है, दमा, मिचली, वमन, अजीर्ण, बवासीर, पांडु रोग में लाभदायक है।
 
* श्वेत पुखराज को गुलाबजल या केवड़े में 25 दिन तक घोटा जाए और जब यह काजल की तरह पिस जाए तो इसे छाया में सुखा लें। यह पीलिया,आमवात, खांसी, श्वास कष्ट, बवासीर आदि रोगों में लाभकारी सिद्ध होता है। श्वेत पुखराज की भस्म विष और विषाक्त कीटाणुओं की क्रिया को नष्ट  करती है। 

(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण वेबदुनिया के नहीं हैं और वेबदुनिया इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है)
ये भी पढ़ें
शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से मिलता है कौन सा लाभ?