जून 2010 ज्योतिष की नजर में
मंगल का पूर्वा-फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश
इस माह में शुक्र, कर्क राशि में रहेंगे अत: बादल अधिक होंगे। अनाज सस्ता होगा। इसके फलस्वरूप रस वाले पदार्थ महँगे होंगे। जून माह मिश्रित फल वाला रहेगा। मास में केतु एवं शुक्र (प्रारंभ) एक साथ होने से तथा अमावस्या एवं पूर्णिमा दोनों शनिवार को आने से मासफल अच्छा नहीं कहा जा सकता। आम जनता सामान्यत: जीवन में कठिनाई महसूस करेगी। राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना बनती है। मनुष्य को खाद्य पदार्थ में राहत महसूस होगी। इसी के साथ आँधी-तूफान चक्रवात के योग बनते हैं। पशु व्यापारी के लिए यह माह अच्छा मुनाफा देने वाला रहेगा। बुध मिथुन राशि में होने की वजह से पशु महँगे होंगे। अच्छा लाभांश देंगे। परंतु माह प्रारंभ में बुध के वृषभ राशि में रहने से पृथ्वी पर कलह एवं भ्रम व्याप्त होगा। मंगल-शनि आपस में द्वादश योग बनाते हैं, इसके फलस्वरूप यान दुर्घटना, अग्निकांड एवं राष्ट्र विरोधी, समाज विरोधी तत्व उभरेंगे। आतंक का सफाया तेजी से होगा एवं देश की रक्षा के लिए नवयुवक में उत्साह दिखाई देगा।
सूर्य तथा बुध एक साथ होने से गर्म हवाओं से आम जनता व्याकुल रहेगी। मैदानी भागों में गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा। इस माह मंगल अपना नक्षत्र बदल कर पूर्वा-फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। जिसके फलस्वरूप तेल व्यापारियों को लाभ मिलेगा। तेल के भाव में तेजी आएगी। वर्षा के योग कम रहेंगे। सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश होने से उत्तर-पश्चिम के देशों में पीड़ा, पूर्व के देशों में युद्ध ऋवं दक्षिण के देशों में सुख प्राप्त होगा। कुछ भागों में तेज बादल चाल के साथ बूँदाबाँदी होने की संभावना बनती है। दिनांक 5 जून को विशेष वर्ग के व्यापारी को लाभांश रहेगा। कपास, पाट, बारदाना, सींगदाना, बिनौला तेज रहेगा। 15 जून सराफा व्यापारी के लिए शुभ रहेगा। सोना, तेज रहेगा। चाँदी घटाबढ़ी के साथ इस दिन तेज रहेगी। मंडी व्यापारी लाभ ले सकते हैं। ज्वार, मक्का, मोठ, लाल मिर्च, बाजरा तेज रहेगा। (15
को विशेष) इस माह राजनैतिक फेरबदल होने के योग बनते हैं। कई पुराने मंत्रियों पर मुसीबत आ सकती है। अरंडी, अलसी एवं पाट के भाव में माह अंत में घटाबढ़ी से तेजी का रुख होगा। व्यापारियों के लिए यह माह अच्छा रहेगा।