Margashirsha Amavasya 2025: आपका जीवन बदल देंगे मार्गशीर्ष अमावस्या के ये 8 कार्य, हर समस्या का होगा समाधान
2025 Margashirsha Amavasya: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, लेकिन मार्गशीर्ष मास में आने वाली अमावस्या, जिसे अगहन अमावस्या भी कहते हैं को अत्यंत पवित्र और फलदायी माना जाता है। यह दिन न केवल पितरों को शांति प्रदान करने के लिए श्रेष्ठ है, बल्कि जीवन में रुके हुए कार्यों और समस्याओं के समाधान के लिए भी विशेष कार्य किए जाते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं...
ALSO READ: Margashirsha Amavasya: मार्गशीर्ष अमावस्या कब है, 19 या 20 नवंबर? जानें शुभ मुहूर्त
1. पवित्र नदी में स्नान और दान: इस दिन पवित्र नदी (जैसे गंगा) में स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, कम्बल, या भोजन दान करें। दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
2. पितृ तर्पण और शांति: यह दिन मुख्य रूप से पितरों/ पूर्वजों को समर्पित होता है। पितरों की तृप्ति और पितृ दोष को समाप्त करने के लिए तिल, कुश/ घास, और जल से तर्पण करें। तर्पण करते समय 'ॐ पितृदेवो नमः' या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का उच्चारण करें।
4. पीपल के पेड़ की पूजा और दीपदान: इस दिन पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। शाम के समय पीपल के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जलाएं। यह उपाय पितृ दोष को शांत करता है और परिवार में सुख-समृद्धि लाता है।
5. मनोकामना पूर्ति के लिए दीपक का उपाय: अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए, किसी पवित्र नदी या जलाशय के पास आटे का दीपक बनाएं। उसमें घी या तेल डालकर जलाएं और उसे प्रवाहित करें। मान्यता है कि इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
6. सात्विक भोजन और व्रत: इस दिन व्रत रखें या दिनभर सात्विक भोजन अर्थात् बिना लहसुन-प्याज का भोजन ग्रहण करें। मांस और मदिरा का सेवन न करें। सात्विक जीवनशैली अपनाने से मानसिक शांति मिलती है।
7. आध्यात्मिक क्रियाएं और मंत्र जाप: घर या मंदिर में दीपदान करें। ध्यान, मंत्र जाप और भजन-कीर्तन में समय बिताएं। अपने इष्टदेव या भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
8. व्यापार/करियर में सफलता का उपाय: यदि कारोबार में उतार-चढ़ाव आ रहा है, तो मिट्टी से बना हाथी घर लाएं और उसे उचित स्थान पर रखें। उस पर लाल कपड़ा ओढ़ाकर धूप-दीप से पूजा करें और मंगल के मंत्र का जाप करें।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ALSO READ: Margashirsha Month Festival 2025: मार्गशीर्ष माह के व्रत त्योहार, जानें अगहन मास के विशेष पर्वों की जानकारी