• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. Shubh Muhurat
Written By WD

इन तिथियों पर होता हैं स्वयं सिद्ध मुहूर्त, कर सकते हैं शुभ कार्य...

मुहूर्त
नीचे दिए गए साढ़े तीन मुहूर्त स्वयं सिद्ध माने जाते हैं जिनमें पंचांग की शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है : -

* चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
 
* वैशाख शुक्ल तृतीया (अक्षय तृतीया)
 
* आश्विन शुक्ल दशमी (विजय दशमी)
 
* दीपावली के प्रदोष काल का आधा भाग।
 
शेष पढ़ें अगले पेज पर... 

भारत वर्ष में इनके अतिरिक्त लोकचार और देशाचार के अनुसार निम्नलिखित तिथियों को भी स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता है : -

 
* भड्डली नवमी (आषाढ़ शुक्ल नवमी)
 
* देवप्रबोधनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल एकादशी)
 
* बसंत पंचमी (माघ शुक्ल पंचमी)
 
* फुलेरा दूज (फाल्गुन शुक्ल द्वितीया)
 
इनमें किसी भी कार्य को करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है। परंतु विवाह इत्यादि में तो पंचांग में दिए गए मुहूर्तों को ही स्वीकार करना श्रेयस्कर रहता है।