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Written By WD Feature Desk

षटतिला एकादशी 2024: आज कैसे करें काले तिल का प्रयोग, महत्व और 15 काम की बातें

षटतिला एकादशी 2024: आज कैसे करें काले तिल का प्रयोग, महत्व और 15 काम की बातें - Shattila Ekadashi Upay 2024
Shattila Ekadashi Remedies 2024
 
HIGHLIGHTS
 
* षटतिला एकादशी के दिन कैसे करें काले तिल से भगवान विष्णु का पूजन।
* काले तिल के उपयोग का महत्व जानें।
* षटतिला एकादशी पर काले तिल का प्रयोग। 
 
Shattila Ekadashi Date 2024: धार्मिक शास्त्रों के अनुसार 6 फरवरी, मंगलवार को षटतिला एकादशी मनाई है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन 6 प्रकार से तिल का प्रयोग करने से मनुष्य पाप कर्मों से मुक्त होता है तथा हजारों वर्षों तक परलोक में सुख भोग को प्राप्त करता है। साथ ही इस दिन काले तिल से भगवान विष्णु की पूजा करने का अधिक मह‍त्व है। जीवन में हमें कई बार ग्रह, भूत या देव बाधा का सामना करना पड़ता है। हालांकि यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह कैसा है और उसके कर्म कैसे हैं। 
 
जाने-अनजाने हम सभी कभी न कभी पाप कर्म कर बैठते हैं। इसीलिए ऐसे पाप कर्मों के प्रभाव से मुक्ति के लिए माघ कृष्ण एकादशी व्रत बहुत अधिक महत्व माना गया है। अत: जो लोग किसी कारणवश व्रत नहीं कर सकते हैं, उन्हें चाहिए कि वो जितना संभव हो सके उन्हें तिल का उपयोग अवश्य करना चाहिए। अगर आप भी जीवन में इस तरह की कई परेशानियों से गुजर रहे हैं तो षटतिला एकादशी के दिन काले तिल से श्री हरि नारायण तथा कृष्ण जी का पूजन करने से सभी पापों का नाश होता है तथा जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव मिलने के साथ ही अन्य बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। 
 
आइए जानें काले तिल के उपयोग संबंधित 15 खास बातें : 
 
1. षटतिला एकादशी के दिन तिल का उबटन, तिल मिले पानी से स्नान, तिल से हवन, खाने में तिल का प्रयोग, तिल मिले पानी को पीने तथा तिल का दान करने का विधान है। 
 
2. षटतिला एकादशी के दिन पूजा के समय काले तिल के प्रयोग का विशेष महत्व होता है। इस दिन काले तिल से भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। 
 
3. इस दिन काली गाय का दान करने की भी मान्यता हैं।
 
4. एकादशी के दिन 108 बार 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस मंत्र का जाप करें। 
 
5. इस दिन पूजा में काली गाय का भी महत्व होता है।
 
6. इस दिन उड़द और तिल मिलाकर खिचड़ी बनाएं तथा भगवान को भोग लगाकर प्रसाद में बांटना चाहिए।
 
7. षटतिला एकादशी के इस दिन तिल के साथ दक्षिणा भी दी जाती है।
 
8. एकादशी पूजन के बाद घड़ा, जूते, कपड़े, तिल से भरा बर्तन एवं छाता आदि का दान अवश्य करें। 
 
9. इस दिन तिल के लड्‌डू बनाते समय उसमें सिक्के रखकर तीर्थ स्थान में पुरोहितों को दान में दिए जाते हैं, इसे एक तरह का गुप्त दान कहा जाता है, जिससे सभी तरह के संकटों का नाश होकर शुभता आती है।
 
10. इस दिन वैदिक ब्राह्मणों को तांबे के कलश में तिल भर कर उस पर गुड़ रखकर दान देने का महत्व है। 
 
11. सौभाग्यवती महिलाओं को इस दिन सौभाग्य सामग्री के साथ-साथ तिल से बनी खाद्य सामग्री का दान करना चाहिए, इससे सुहाग की रक्षा होती है। 
 
12. षटतिला एकादशी के दिन गाय को तिल-गुड़ व घास खिलाने के पश्चात पानी पिलाने से पितृ प्रसन्न होकर जीवन के सभी सुखों का आशीर्वाद देते हैं। 
 
13. महाभारत के अनुसार जो मनुष्य माघ मास में तपस्वियों को तिल दान करता है, वह कभी नरक का दर्शन नहीं करता। 
 
14. एकादशी को रात में श्रीहरि का भजन-कीर्तन करें। 
 
15. इतना ही नहीं आज के दिन जो लोग व्रत नहीं कर सकते हैं उनके लिए जितना संभव हो अधिक से अधिक तिल का उपयोग करें। तिल खाएं, तिल मिला हुआ पानी पिएं। तिल का उबटन लगाकर स्नान करें और तिल का दान भी करें।

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