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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 11 जून 2025 (14:02 IST)

मांगलिक दोष शुभ या अशुभ, जानें इसके फायदे और ज्योतिषीय उपाय

मांगलिक होने के फायदे और सरलतम उपाय

Manglik dosh hone ke fayde
Manglik dosh hone ke fayde: मांगलिक दोष को दोष की जगह योग कहना चाहिए। कई लोगों का माना है कि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष है तो ऐसे जातक को विवाह में अड़चने आती है और यह यह दोष सही नहीं माना जाता है, लेकिन यह मान्यता गलत है। मंगल का काम ही मंगल करना है। ALSO READ: सोनम और राजा की कुंडली का मंगल बना अमंगल? क्या ग्रहों का था कोई खेल? जानिए कुंडली में मंगल दोष का कैसे करें उपाय
 
किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह 'मांगलिक दोष' कहलाता है। कुंडली में आंशिक या पूर्ण मंगल दोष होता है। मान्यता अनुसार 'मांगलिक दोष' वाले जातक की पूजा वर अथवा कन्या का विवाह किसी 'मांगलिक दोष' वाले जातक से ही होना आवश्यक है।
 
मंगली दोष के फायदे: 
 
* पहले भाव में मंगल: जिसकी कुंडली में प्रथम में मंगल है वह जातक साहसी, पराक्रमी और जिद्दी होता है। उसके चेहरे पर चमक होती है। ऐसा जातक किसी कठिनाइयों से नहीं घबराता है और सभी समस्याओं को आसानी से निपटा देता है।
 
* चौथे भाव में मंगल : जिसकी कुंडली में चतुर्थ भाव में मंगल होता है। वह जातक भी शक्तिशाली और पराक्रमी होता है। लोग उसकी ओर आसानी से आकर्षित होते हैं। हालांकि ऐसे जातक यदि अपने क्रोध पर काबू रखे और जिद्दीपन छोड़ दे तो सफलता प्राप्त करता है।
 
* सातवें भाव में मंगल : यदि जातक की कुंडली के सप्तम भाव में मंगल है तो वह संपत्तिवाला होता है। उच्च पद पर रहकर अच्‍छे कार्य करता है। यदि वह अपनी पत्नी के साथ शांतिपूर्वक रहना सीख लेता है तो जीवन सुखमय गुजरता है अन्यथा नहीं।
 
* आठवें भाव में मंगल : ऐसा जातक चिकित्सक बन सकता है। आकस्मिक धन लाभ होता है और कोई भी शत्रु उसके सामने टिक नहीं पाता है। हालांकि ऐसा जातक अपने विचार दूसरों पर थोपने का प्रयास न करें तो बहुत अच्छा जीवन यापन कर सकता है।
 
* द्वादश भाव में मंगल : यदि कुंडली में 12वें भाव में मंगल है तो जातक सुख और समृद्धि पूर्वक जीवन यापन करता है। वह विदेश की यात्रा करता है और वहां से लाभ भी कमाता है। हालांकि उसे अपनी सेहत और संबंधों को संभालकर रखने की जरूरत है। विलासितापूर्ण जीवन जीने के बजाय वह यदि धार्मिक जीवन यापन करता है तो ज्यादा सुख पाता है।ALSO READ: वास्तु टिप्स: बेरोजगारी से निकलने के लिए ज्योतिषीय उपाय
 
यहां जानें कुंडली के अनुसार ज्योतिषीय उपाय: 
 
* यदि मंगल लग्न में हैं तो शरीर पर सोना धारण करना चाहिए। 
 
* यदि चौथा मंगल है तो वटवृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं। चिड़ियों को दाना डालें, बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। अपने पास सदैव चांदी रखें। 

* यदि सप्तम का मंगल है तो बुध और शुक्र का उपाय करने के साथ ही घर में ठोस चांदी रखें। 
 
* अष्टम का मंगल है तो तंदूरी मीठी रोटी कुत्ते को 40 या 45 दिन तक खिलाएं और गले में चांदी की चेन पहनें। 
 
* यदि मंगल द्वादश/ 12वें भाव में हैं तो नित्य सुबह खाली पेट शहद का सेवन करें। एक किलो बताशे मंगलवार के दिन बहते जल में प्रवाहित करें या मंदिर में दान दें।

* महाराष्ट्र के जलगांव जिले में धुले के पास अमरनेर में मंगल देव का प्राचीन मंदिर है, जहां पर मंगल दोष की शांति के लिए अभिषेक किया जाता है।
 
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