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कब वक्री होंगे राहु-केतु? देश के लिए कैसा होगा यह समय, जानें राशियों पर प्रभाव

कब वक्री होंगे राहु-केतु? देश के लिए कैसा होगा यह समय, जानें राशियों पर प्रभाव - Rahu ketu retrograde
Rahu ketu Transit 2020
 
* राहु-वृषभ और केतु-वृश्चिक राशि में करेंगे प्रवेश
 
गोचर का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व माना गया है। गोचर शब्द 'गम्' धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है गतिमान या चलने वाला। वहीं 'चर' शब्द से आशय भी निरंतर गति से होता है। सभी ग्रह निरंतर गतिमान रहते हुए एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते रहते हैं। ग्रहों के इसी राशि परिवर्तन को 'गोचर' कहा जाता है। 
 
ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है, इसलिए कुछ विद्वान राहु-केतु के 'गोचर' को अधिक मान्यता नहीं देते हैं किंतु यवनाचार्य जैसे अधिकतर विद्वान ज्योतिष के प्रसिद्ध सिद्धांत 'शनिवत् राहु, कुजवत् केतु' के आधार पर राहु-केतु के गोचर को मान्यता प्रदान करते हैं। राहु-केतु सदैव वक्री गति अर्थात् उल्टे चलते हैं। 
 
23 सितंबर 2020 को राहु गोचरवश अपनी वक्रगति के चलते मिथुन से वृषभ राशि एवं केतु-धनु से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। राहु को ज्योतिष शास्त्र में शनि के समान व केतु को मंगल के समान स्वभाव वाला ग्रह माना गया है। छाया ग्रह होने के कारण राहु-केतु जिस भाव में; जिस भावेश के साथ होते हैं उसी के अनुरूप फलित करते हैं। 
 
नैसर्गिक रूप से राहु का स्वभाव पृथकताजनक और केतु का स्वभाव आक्रामक व मारणात्मक होता है। राहु-केतु का यह राशि परिवर्तन देश के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न करने वाला रहेगा। देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी। सरकार के प्रति जनाअक्रोश उत्पन्न होगा। पड़ोसी देशों से रिश्तों में दरार आएगी। सीमा पर तनाव बढ़ेगा। चीन के साथ युद्ध की स्थिति उत्पन्न होगी और सीमित युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। राहु-केतु का यह राशि परिवर्तन आम जनमानस पर भी अपना प्रभाव डालेगा।
 
Rahu ketu Retrograde 2020
 

 
आइए जानते हैं समस्त 12 राशि वाले जातकों पर राहु-केतु का गोचर क्या प्रभाव डालेगा?-
 
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार धन की अकस्मात हानि होगी। पारिवारिक सुख की हानि व कुटुंबीजनों से विवाद होगा। विद्यार्थियों की पढ़ाई में अरुचि होगी। शत्रुपक्ष हावी होगा। नेत्र व गुदा रोग के कारण कष्ट होगा। विदेश यात्रा होने की संभावना बनेगी।
 
 
2. वृषभ- वृषभ राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार मान-सम्मान व सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनलाभ होगा। पुत्र जन्म की संभावना बनेगी। पुत्र का भाग्योदय होगा। शारीरिक चोट के कारण मानसिक कष्ट रहेगा।
 
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार धन हानि होगी। व्यय में अधिकता होगी। परिवार व घर से दूर निवास की संभावना बनेगी। सुख का अभाव होगा। विवाद के कारण बंधन व राजदंड की संभावना बनेगी। मन में अवसाद रहेगा। नेत्र में चोट की संभावना है।
 
 
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। दान-पुण्य की प्रवृत्ति बढ़ेगी। धनलाभ में कमी आएगी। मित्रों से कष्ट होगा। पुत्र से कष्ट होगा। पुत्र के भाग्य की हानि एवं पुत्र को कष्ट होगा।
 
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार धनलाभ होगा। तीर्थयात्राएं होंगी। मनोवांछित कार्य सफल होंगे। मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। अचल संपत्ति की प्राप्ति होगी। मन प्रसन्न रहेगा। शत्रु पराजित होंगे। 
 
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार आशातीत लाभ होगा। मित्र सहायक होंगे। राज्य से लाभ होगा। धनलाभ होगा। भाग्योदय होगा। शत्रु पराजित होंगे। मन प्रसन्न व आनंदित रहेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
 
7. तुला- तुला राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार धनलाभ होगा। विदेश यात्राएं होंगी। अचल संपत्ति की प्राप्ति होगी। पदोन्नती होगी। कार्यक्षेत्र में प्रभाव बढ़ेगा। रोग की उत्पत्ति के कारण शारीरिक व मानसिक कष्ट होगा।
 
 
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार व्यापार-व्यवसाय में उन्नति होगी। आर्थिक लाभ होगा। यात्राएं लाभदायक रहेंगी। मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होगी। शारीरिक चोट के कारण कष्ट होगा। वायु दोष संबंधी रोगों की उत्पत्ति होगी।
 
9. धनु- धनु राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार दीर्घकालिक रोगों की उत्पत्ति होगी। मान-प्रतिष्ठा भंग होगी। धनहानि होगी। आय में कमी आएगी। व्यय बढ़ेगा। मन में अत्यधिक अशांति रहेगी। आंखों में कष्ट होगा।
 
 
10. मकर- मकर राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार धन-धान्य व ऐश्वर्य में वृद्धि होगी। लॉटरी व शेयर इत्यादि से लाभ होगा। आय में वृद्धि होगी। धनलाभ होगा। भाग्य का साथ प्राप्त होगा। मित्रों से लाभ होगा। मनोवांछित कार्य सफल होंगे। 
 
11. कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार पारिवारिक सुख की हानि होगी। घर से दूर निवास की संभावना बनेगी। सुख की हानि होगी। धनहानि होगी। मन उदास व खिन्न रहेगा। कुटुंबीजनों से विवाद होगा। मनोवांछित कार्य असफल होंगे। राज्य की ओर से दंड मिलेगा। मन में अवसाद व अशांति रहेगी।
 
 
12. मीन- मीन राशि वाले जातकों को राहु-केतु के गोचर अनुसार आर्थिक लाभ होगा। धन की प्राप्ति होगी। शत्रु पराजित होंगे। भाग्योदय होगा। मित्रों से लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पुत्र से लाभ होगा। मनोवांछित कार्य सफल होंगे। यात्राएं लाभदायक रहेंगी। मन प्रसन्न व आनंदित रहेगा।
 
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु उपयोगी उपाय :-
 
 
1. काले कुत्ते को मीठे दूध में रोटी खिलाएं।
 
2. जरूरतमंदों को काले या नीले कंबल दान दें।
 
3. नित्य पक्षियों को दाना डालें।
 
4. नित्य दुर्गा कवच का पाठ करें।
 
5. चांदी का ठोस चौकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखें।
 
(निवेदन- उपर्युक्त विश्लेषण ग्रह-गोचर की गणना पर आधारित है। जन्म पत्रिका में ग्रह स्थिति एवं दशाओं के कारण इसमें परिवर्तन संभव है।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]