जलझूलनी एकादशी 2019 : क्यों और कब मनती हैं यह एकादशी, मिलता है क्या फल, पारण शुभ मुहूर्त
कल यानी 9 सितंबर 2019 को जलझूलनी एकादशी है। आइए जानें क्यों और कब मनती हैं डोल ग्यारस। डोल ग्यारस पर्व भादौ मास के शुक्ल पक्ष के 11वें दिन मनाया जाता है। कृष्ण जन्म के 11वें दिन माता यशोदा ने उनका जलवा पूजन किया था।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष एकादशी को पद्मा एकादशी कहा जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सुख, सौभाग्य में तेजी से वृद्धि होती है। इस दिन माता यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण के वस्त्र धोए थे। इसी कारण से इस एकादशी को ‘जलझूलनी एकादशी’ भी कहा जाता है। मंदिरों में इस दिन भगवान विष्णु को पालकी में बिठाकर शोभा यात्रा निकाली जाती है। भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्नान कराया जाता है।
व्रत फल
इस तिथि को व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। पापियों के पाप नाश के लिए इससे बढ़कर कोई उपाय नहीं है। जो मनुष्य इस एकादशी को भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा करता है, उससे तीनों लोक पूज्य होते हैं। इस व्रत के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर से कहा है कि- “जो इस दिन कमल नयन भगवान का कमल से पूजन करते हैं, वे अवश्य भगवान के समीप जाते हैं। जिसने भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी को व्रत और पूजन किया,उसने ब्रह्मा, विष्णु, सहित तीनों लोकों का पूजन किया। अत: हरिवासर अर्थात एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।” इस दिन भगवान करवट लेते हैं, इसलिए इसको ‘परिवर्तिनी एकादशी’ भी कहा जाता है।
परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि : इस एकादशी से एक दिन पहले सूर्यास्त के समय भोजन नहीं करना चाहिए। रात के समय भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सोना चाहिए। एकादशी वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर एकादशी व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की आराधना करें और उनकी मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाएं। पूजा में तुलसी और ऋतु फलों का प्रयोग करें। व्रत वाले दिन मन में अच्छे विचार रखें और दान जरूर करें। इस दिन दान करने का बड़ा महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अन्न का दान अवश्य करना चाहिए। अगले दिन द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद व्रत खोल लें।
परिवर्तिनी पद्मा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त :
एकादशी तिथि प्रारंभ : 08 सितंबर, 2019 को रात 10:41 बजे
एकादशी तिथि समाप्त : 10 सितंबर, 2019 को 12:31 बजे
पारण (व्रत तोड़ने का) समय : 10 सितंबर प्रात : 07:04 से 08:13
पारण तिथि के दिन एकादशी समाप्त होने का समय : प्रात: 07:04