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25 मई 2020, आज से Nautapa,क्या नौतपा में इस बार बिगड़ेगा मौसम

25 मई 2020, आज से Nautapa,क्या नौतपा में इस बार बिगड़ेगा मौसम - nautapa 25 May 2020
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हर साल ज्येष्ठ माह में नौतपा होता है। इस साल 25 मई से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही नौतपा प्रारंभ हो जाएगा। इस वर्ष नौतपा 25 मई से 2 जून 2020 तक रहेगा।
 
-इस बार नौतपा में गर्मी कम पड़ने के आसार है और बारिश और आंधी चलने की संभावना है। 
 
-इस बार चक्रवात के चलते मौसम में परिवर्तन हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नौतपा की शुरुआत बारिश के साथ होगी। देश के अनेक भागों में धूल भरी आंधी चलेंगी। 
 
इसका संपूर्ण गोचर 15 दिन का होता है, लेकिन इसके शुरुआती 9 दिन महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट होता है।
 
इसलिए इसे नौतपा कहा जाता है। इन 9 दिन धरती पर भीषण गर्मी पड़ती है। इस साल नौतपा 25 मई से 2 जून 2020 तक रहेगा। लेकिन, इस बार चक्रवात के चलते मौसम में परिवर्तन हो रहा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, नौतपा की शुरुआत बारिश के साथ होगी। देश के अनेक भागों में धूल भरी आंधी चलेंगी। आसमान में बादलों की आवाजाही से गर्मी का असर थोड़ा कम होने का अनुमान है।
 
सूर्य ताप और तेज का प्रतीक है। जब सूर्य चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है। जिस कारण चंद्र के शीतल प्रभाव क्षीण हो जाते हैं। इसका प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है। यानी की पृथ्वी पर शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती। इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है।

सूर्य की सीधी किरणें बढ़ाती है गर्मी वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती हैं। इस कारण तापमान बढ़ जाता है और अधिक गर्मी पड़ती है। इसके कारण मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का सिस्टम बनता है जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। इस कारण हवाओं का रूख अच्छी बारिश के संकेत देता है।
 
इस बार कैसा होगा मौसम
इस वर्ष नौतपा के दौरान अधिक गर्मी के आसार नहीं रहेंगे लेकिन इस दौरान तीन-चार दिन बारिश के योग बन रहे हैं। शनि, शुक्र और बृहस्पति के वक्री होने का असर नौतपा पर भी नजर आएगा। उत्तरी राज्यों में तेज बारिश दक्षिणी राज्यों में समुद्र में हलचल होने की संभावना है।

पूर्वी प्रदेशों के अलावा नेपाल, चीन में भूकंप आने के आसान दिख रहे हैं। पश्चिम राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात में समुद्र तटीय शहरों पर अधिक खतरा है। यह खतरा प्राकृतिक आपदा, रोग, महामारी के रूप में देखा जा सकता है। अम्फान और कोरोना के मामले और परेशान कर सकते हैं।
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