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क्या होता है लत्ता दोष, विवाह में क्यों जरूरी है इससे बचना

क्या होता है लत्ता दोष, विवाह में क्यों जरूरी है इससे बचना - Latta Dosh in marriage
विवाह का दिन निर्धारण करते समय लत्तादोष का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। लत्तादोष का निर्धारण नक्षत्र एवं ग्रहों की स्थिति से होता है। जैसा कि लत्ता नाम से स्पष्ट इसका आशय ग्रहों की लात से होता है।

सूर्य जिस नक्षत्र पर होता है उससे आगे के बारहवें नक्षत्र पर, मंगल तीसरे पर, शनि आठवें पर एवं गुरु छठवें नक्षत्र पर लात मारता है। ठीक इसी प्रकार कुछ ग्रह अपने से पिछले नक्षत्र पर लात मारते हैं जैसे बुध सातवें, राहु नौवें, चन्द्र बाईसवें, शुक्र पांचवे नक्षत्र पर लात मारता है।

राहु वक्री होने के कारण इसकी गणना अगले नक्षत्र को मानकर ही की जाती है। लत्तादोष में विवाह के नक्षत्र से गणना कर नक्षत्रों में स्थित ग्रहों का विवेचन कर उनकी लत्ता का निर्धारण किया जाता है। वैसे तो सभी ग्रहों की लत्ता को अशुभ माना जाता है किन्तु कुछ विद्वान केवल पाप व क्रूर ग्रहों की लत्ता को ही त्याज़्य मानते हैं। अत: विवाह का मुहूर्त निकालते समय लत्तादोष का विवेचन अवश्य करें।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: [email protected]
 
 
 
 
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