Benefits of Gita Jayanti Remedies: गीता जयंती हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह वह पावन दिवस है जब कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में, भगवान श्री कृष्ण ने अपने प्रिय सखा और शिष्य अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का अमर उपदेश दिया था। यह ग्रंथ केवल एक धार्मिक पुस्तक नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन के कर्तव्य, कर्म, ज्ञान, और भक्ति योग का सार है। गीता जयंती का दिन मोक्षदा एकादशी के रूप में भी जाना जाता है।
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गीता जयंती के दिन किए गए धार्मिक कार्य बहुत ही फलदायी माने जाते हैं, जिससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है। यहां 5 विशेष उपाय दिए गए हैं:
1. श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ और पूजा: गीता जयंती के दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें। मुख्य रूप से श्रीमद्भगवद्गीता की पूजा करें और संकल्प लेकर इसके किसी एक अध्याय या श्लोक का पाठ अवश्य करें। माना जाता है कि इससे ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन के हर भ्रम और अज्ञान से मुक्ति मिलती है, जो पापों को दूर करने का मूल मार्ग है।
2. गीता पुस्तक का दान: इस शुभ अवसर पर किसी योग्य व्यक्ति या मंदिर में श्रीमद्भगवद्गीता की पुस्तक का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। दान करने से ज्ञान का प्रसार होता है, जो मोक्ष और पापों से मुक्ति का एक साधन है।
4. मंत्र जाप: इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का अधिकाधिक जाप करें। यह मंत्र भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने वाला है। मंत्र जाप से मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है और भगवान की कृपा से नकारात्मक विचार और कर्म दूर होते हैं।
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