गुरु का सिंह में प्रवेश : जानिए 12 राशि व लग्न पर प्रभाव
* गुरु, आए सिंह राशि में : जानिए क्या होगा आप पर असर
गुरु अपनी उच्च राशि को छोड़कर सूर्य की राशि सिंह में मघा नक्षत्र में 14 जुलाई 2015 को सुबह 7.30 पर आ गए हैं।
कर्क लग्न से गुरु का प्रवेश हुआ है। गुरु इस लग्न में षष्टेश होकर नवमेश भी होंगे। नवम भाग्य का भाव होने से शुभ परिणामों में वृद्धि ही रहेगी।
आइए जानते हैं विभिन्न राशियों पर प्रभाव कैसा होगा : -
मेष राशि व लग्न के लिए गुरु का भ्रमण पंचम से होगा। इन राशि व लग्न वालों के लिए विद्या के क्षेत्र में, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के योग होकर भाग्यशाली भी रहेंगे। पुखराज धारण करना उत्तम रहेगा।
वृषभ राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का भ्रमण चतुर्थ माता भूमि भवन से करेगा अतः माता से लाभ, जनता के कार्यों में सफलता, स्थानीय नौकरी में सफलता के योग उत्तम रहेंगे। अष्टमेश होने से थोड़ी परेशानियां भी रहेंगी।
मिथुन राशि व लग्न वालों के लिए तृतीय पराक्रम, संचार, भाई भाव से भ्रमण होने से पराक्रम में वृद्धि। अपने बलबूते से कार्य में सफलता मिलेगी। भाइयों का साथ भी मिलेगा, शत्रु नष्ट होंगे। संचार माध्यम से शुभ समाचार मिलेगा।
कर्क राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का भ्रमण द्वितीय वाणी, बचत भाव से होगा। गुरु षष्टेश होकर भाग्येश भी होने से भाग्य बल द्वारा सफलता के चांस अधिक रहेंगे। नाना-मामा पक्ष से लाभ रहेगा।
सिंह राशि व लग्न वालों के लिए लग्न से गुरु का भ्रमण होकर पंचमेश व अष्टमेश होगा। आपको संतान सुख, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखकर चलना होगा।
कन्या राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का गोचरीय भ्रमण चतुर्थ व सप्तम भाव के स्वामी होकर द्वादश भाव से भ्रमण करने से पत्नी के मामलों, अविवाहितों के लिए, पारिवारिक मामलों व दैनिक व्यवसाय के मामलों में सफलता मिलेगी।
तुला राशि व लग्न वालों के लिए तृतीयेश व षष्टेश होकर एकादश लाभ भाव से भ्रमण होने से परिश्रम द्वारा आर्थिक उन्नति होगी। पराक्रम अधिक करना पड़ेगा, वहीं शत्रु पक्ष पर शांति नीति रखना होगा।
वृश्चिक राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का भ्रमण द्वितीय वाणी बचत व पंचम विद्या व संतान भाव से होने से आप अपने वाक चातुर्य से लाभ पाएंगे। निःसंतान दंपति भी संतान लाभ पाएंगे। विद्यार्थी भी लाभान्वित होंगे।
धनु राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का भ्रमण भाग्य भाव से होकर लग्नेश व चतुर्थ भाव के स्वामी होने से इस वर्ष आपकी निकल पड़ेगी। भाग्य साथ देगा, वहीं महत्वपूर्ण कार्यों में सफल होंगे। नौकरीपेशा भी प्रगति पाएंगे।
मकर राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का भ्रमण अष्टमेश से होकर द्वादश व तृतीय भाव के स्वामी होने से आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हर एक कार्य में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
कुंभ राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का भ्रमण सप्तमेश से होकर एकादशेश व द्वितीयेश होने से कुछ राहतभरी सांस लेंगे। आय तो होगी, लेकिन खर्च भी होगा व दैनिक व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति लाभान्वित होंगे।
मीन राशि व लग्न वालों के लिए गुरु का भ्रमण षष्ट भाव से होकर लग्नेश व दशमेश होगा। भागदौड़ अधिक रहेगी, लेकिन सफलता भी मिलेगी। शत्रु पक्ष पर अपनी नीतियों द्वारा सफल होंगे। नौकरीपेशाओं के लिए परिश्रम द्वारा लाभ का रहेगा।
शुभ परिणाम प्राप्ति के लिए गुरुवार को गाय को 5 केले खिलाएं। कुंवारी कन्याओं को गुरुवार को केले दान करें।