बुधवार, 6 मार्च 2019 को फाल्गुन माह की अमावस्या है। पौराणिक शास्त्रों में महाशिवरात्रि के बाद आने वाली इस अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। कृष्ण पक्ष की इस अमावस्या को बड़ी अमावस्या, स्नान दान अमावस्या भी कहा जाता है।
इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। इस दिन नदी स्नान और तीर्थक्षेत्र में स्नान-दान का विशेष महत्व है। इस दिन समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय किए जाते हैं।
अक्सर यह भी कहा जाता है कि पितृ दोष के लिए अमावस्या पर पूजा करने का विशेष महत्व है। लेकिन अमावस्या पर क्या किया जाए और कैसे किया जाए यह स्पष्ट रूप से कोई नहीं बताता।
यहां पाठकों के लिए आपके लिए प्रस्तुत है विशेष अचूक उपाय।
* प्रत्येक अमावस्या के दिन दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए।
* प्रत्येक अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें। उसके बाद पितृसूक्त का पाठ करना शुभ फल प्रदान करता है।
* प्रत्येक संक्रांति, अमावस्या और रविवार के दिन सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए 3 बार अर्घ्य दें।
* त्रयोदशी को नीलकंठ स्तोत्र का पाठ करना, पंचमी तिथि को सर्पसूक्त पाठ, पूर्णमासी के दिन श्रीनारायण कवच का पाठ करने के बाद ब्राह्मणों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दिवंगत की पसंदीदा मिठाई तथा दक्षिणा सहितभोजन कराना चाहिए। इससे पितृ दोष में कमी आती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
* इस दिन शिवालय में जाकर भगवान शिव का कच्चे दूध, दही से अभिषेक कर उन्हें काले तिले अर्पित करने का विशेष महत्व है।
* इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के मंदिर पीले रंग की ध्वजा अर्पित करना चाहिए, इससे आपके सारे कष्ट दूर होंगे तथा जीवन में सबकुछ शुभ घटित होगा।
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या का दिन सुख-सौभाग्य और धन-संपत्ति, वैभव आदि की प्राप्ति के लिए विशेष मानी जाती है। अत: इस दिन उपरोक्त उपाय अवश्य किए जाने चाहिए, ताकि जीवन सुखमय व्यतीत हो।