जब भाग्येश चंद्र भाग्य में हो तो....
भाग्येश चंद्र भाग्य में हो तो 16 वर्ष में भाग्योदय हो
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पं. अशोक पंवार 'मयंक' नवम भाव धर्म, भाग्य, यश का माना गया है। भाग्येश चंद्र, वृश्चिक लग्न वालों का होगा। नवम भाव में कर्क राशि होने से भाग्येश चंद्र होगा। नवमेश नवम में हो तो ऐसा जातक भाग्यशाली होता है। धर्मनिष्ठ होने के साथ-साथ भाग्यशाली प्रतिष्ठावान, बड़ों का आदर करने वाला होता है। चंद्र के साथ सूर्य हो तो कर्मफल अवश्य मिलता है। जैसा कर्म, वैसा फल पाएगा। मंगल साथ हो तो नीच भंग होने से ऐसा जातक प्रत्येक क्षेत्र में सफलता अर्जित करने वाला होगा। पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा, वहीं भाइयों एवं मित्रों से लाभान्वित होगा। बुध साथ हो तो आर्थिक आय अच्छी होगी, लेकिन परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। गुरु साथ में हो तो विद्या उत्तम होती होगी और प्रशासनिक क्षेत्र में अच्छी सफलता पाने वाला होगा। धन से लाभ पाने वाला कुटुम्बियों का सहयोगी होगा। संतान सौभाग्यी होगी। शुक्र साथ हो तो बाहर से लाभ मिले। शनि साथ हो तो संत प्रवृत्ति का हो। राहु साथ हो तो बाधा के बाद सफलता मिले। केतु साथ हो तो भाग्य चमके, लेकिन मोती अवश्य धारण करें। भाग्येश दशम में हो तो सिंह राशि होगी। चंद्र-सूर्य साथ हों व अमावस्या का जन्म न हो तो कर्मानुसार फल अच्छा या बुरा मिलेगा। मंगल साथ हो तो स्वप्रयत्नों से प्रशासनिक सेवा से लाभान्वित होगा। बुध साथ हो तो पिता से लाभ प्राप्त हो और यदि व्यापार में हो तो सफल व्यापारी हो। गुरु साथ होने पर ऐसा जातक उच्च प्रशासनिक सेवा में हो, कुल का नाम रोशन करे, पिता से, राज्य से लाभ हो। शुक्र साथ हो तो सुंदर, सेक्सी हो। शनि साथ हो तो बाधा के बाद लाभ हो। राहु साथ हो तो राजनीति में गुप्तचर में सफल हो। केतु साथ हो तो उच्च सफलता पाए। चंद्र एकादश में हो तो कन्या राशि होगी। सूर्य साथ होने पर आर्थिक लाभ में रुकावटें आवें। मंगल साथ हो तो अच्छी सफलता के साथ धनलाभ उत्तम रहे। बुध साथ हो तो व्यापार में लाभ रहे। गुरु साथ हो तो स्वविवेक से, संतान से लाभान्वित हो। शुक्र साथ हो तो विद्या उत्तम हो, लेकिन धन लाभ कम हो। शनि साथ हो तो अकस्मात धन लाभ मिले, खर्च भी हो। राहु साथ हो तो लाभ खर्च बराबर रहे। केतु साथ हो तो खर्चे बढ़े। भाग्येश चंद्र द्वादश में हो तो तुला राशि होगी। चंद्र-राहु साथ हों तो बाहर से हानि हो, चश्मा जल्दी लगे। मंगल साथ हो तो मेहनत अधिक हो, खर्च बढ़े। बुध साथ हो तो बाहर से धन लाभ पाएँ। गुरु साथ हो तो विद्या में बाधा आए, संतान से कष्ट रहे। शुक्र साथ हो तो बाहर से धन लाभ मिले, विदेश में भी रह सकता है। शनि साथ हो तो अंत में धन अच्छा रहे, सुख बाहर से मिले। राहु साथ हो तो अनेक बाधाएँ रहें। केतु साथ हो तो नेत्र में चोट लगे, खर्च अधिक रहे।