गुरु ग्रह : एक नजर में
जानिए गुरु ग्रह को : भाग 2
देवता : ब्रह्मापेशा : शिक्षा, सुनारगोत्र : अंगिराजाति-रंग : ब्राह्मण, पीत वर्णवाहन : ऐरावत (सफेद हाथी)स्वभाव : मौन एवं शांत क्षत्रिय पुरुषदिशा : ईशान कोणदिवस : बृहस्पतिवारबल-वृद्धि : मंगल के साथ होने से बलशालीभ्रमण काल : एक राशि में 13 माहनक्षत्र: पूर्वा विशाखा, पूर्वा भाद्रपदविशेषता : रहस्यमय ज्ञानीगुण : हवा, रूह, सांस, पिता, गुरु और सुख।शक्ति : हकीम, सांस लेने तथा दिलाने की शक्ति
वस्तु : सोना, पुखराजशरीर के अंग : गर्दन, नाक, माथे या नाक का सिरापोशाक : पगड़ीपशु : बब्बर शेरवृक्ष : पीपलराशि : धनु और मीन राशि के स्वामी गुरु के सूर्य, मंगल, चंद्र मित्र व शुक्र, बुध शत्रु तथा शनि, राहु, केतु सम हैं। अन्य नाम : देवमंत्री, देव पुरोहित, देवेज्य, इज्य, गुरु, सुराचार्य, जीव, अंगिरा और वाचस्पति सूरी।मकान : हवा के रास्ते। दरवाजा उत्तर-दक्षिण न होगा। हो सकता है कि पीपल का वृक्ष या कोई धर्मस्थान मकान के आसपास हो।