Asia Cup एशिया कप की गत उप विजेता Pakistan पाकिस्तान के पास इस बार एशिया कप की सह मेजबानी है। पाकिस्तान की टीम घरेलू मैदान पर सिर्फ नेपाल से ही भिड़ेगी और घरेलू दर्शकों को सिर्फ अपनी टीम को चियर करने का एक ही मौका मिलेगा। फिर टूर्नामेंट श्रीलंका में खेला जाएगा। हालांकि इसके बावजूद एशिया कप में पाकिस्तान एक प्रबल दावेदार के तौर पर उतरेगा क्योंकि ना केवल वह अफगानिस्तान को हराकर नंबर 1 एकदिवसीय टीम बना है बल्कि अपने टीम के हर खिलाड़ी को भूमिका समझा चुका है।
पाकिस्तान पिछली बार भी एशिया कप के प्रबल दावेदार के तौर पर उतरा था लेकिन ट्रॉफी सह मेजबान के हाथ से मेजबान श्रीलंका के हाथ में चली गयी थी। इस बार भी यह ही हाल है। पाक के पास कुछ ताकते हैं तो कमजोरी भी।
ताकत - पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत उनकी तेज गेंदबाजी क्रम है। शाहीन शाह अफरीदी, नसीम शाह, हैरिस राउफ की आग उगलती गेंदों का कोपभजन अफगानिस्तान बन चुका है। स्पिन गेंदबाजी में शादाब खान और नवाज हैं। गेंदबाजी पाकिस्तान का हर बार मजबूत पक्ष रहती है। इस बार भी पाकिस्तान गेंदबाजों के भरोसे एशिया कप फतह करने निकलेगा।
दूसरी ताकत पाकिस्तान के पास यह है कि अब हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका पता है और टीम स्थिर लग रही है। अफगानिस्तान के खिलाफ लगभग हर खिलाड़ी को मैच टाइम मिल गया है और किसी ना किसी मैच में हर खिलाड़ी ने बल्ले और गेंद से कमाल दिखा दिया है।
कमजोरी- पाकिस्तान के नंबर 1 एकदिवसीय बल्लेबाज बाबर आजम ने भले ही अफगानिस्तान के खिलाफ धीमा अर्धशतक बनाया हो लेकिन दिख रहा है कि वह अपने नैसर्गिक रुप में बल्लेबाजी नहीं कर रहे। फकर जमान खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। पाकिस्तान की बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए कप्तान ने सउद शकील को शामिल किया है लेकिन बल्लेबाजी को लेकर मसले बने हुए हैं।
एक कमजोरी और जो पाकिस्तान के साथ दिखती है वह है निरंतरता। निरंतरता की समस्या पाकिस्तान के साथ बहुत पहले से ही रही है। टीम ने जब 2000 और 2012 का एशिया कप भी जीता तब भी टीम किसी मैच में बेहतर तो किसी में कमतर प्रदर्शन कर रही थी। अभी भी यह ही हाल है कौन कब खिलाड़ी धराशाही हो जाए कुछ कह नहीं सकते।
इन 3 खिलाड़ियों पर रहेगी निगाहनसीम शाह- पाकिस्तान को अफगानिस्तान के खिलाफ सनसनीखेज जीत दिलाने वाले नसीम शाह पर सबकी निगाहें रहेंगी। वह एक मैच विजेता हैं उन्होंने यह कम उम्र में ही साबित कर दिया। गेंद से वह 10 मैचों में 25 विकेट ले चुके हैं और बल्ले से भी जरुरत पड़ने पर रन बना देते हैं।
शादाब खान- पाकिस्तान का तेज गेंदबाजी क्रम अपनी जगह है लेकिन पाकिस्तान का इस एशिया कप में कैसा प्रदर्शन रहता है यह काफी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि शादाब खान का एशिया कप कैसा जाता है। वह ना केवल एक अनुभवी लेग स्पिनर हैं बल्कि बल्लेबाजी से भी खासा योगदान दे रहे हैं। पाकिस्तान की 2017 चैंपियन्स ट्रॉफी की विजेता टीम के सदस्य रहे शादाब खान 59 वनडे मैचों में ना केवल 77 विकेट ले चुके हैं बल्कि 4 अर्धशतक भी जड़ चुके हैं।
फहीम अशरफ- क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान और अन्य विश्वकप विजेता टीमों में बस एक अँतर है तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर का ना होना। इस कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान के कप्तान ने फहीम अशरफ की वापसी करवाई है, उन्होंने अफगान के खिलाफ 2 विकेट चटकाए थे और अब वह कैसी बल्लेबाजी करते हैं यह देखना होगा। ना केवल एशिया कप बल्कि विश्वकप में भी वह पाक की मदद कर सकते हैं।
पाकिस्तानी टीम :अब्दुल्ला शफीक, फखर जमां, इमाम उल हक, बाबर आजम (कप्तान), सलमान अली आगा, इफ्तिखार अहमद, तैयब ताहिर, सऊद शकील (केवल अफगानिस्तान श्रृंखला के लिए), मोहम्मद रिजवान (विकेटकीपर), मोहम्मद हारिस (विकेटकीपर), शादाब खान (उप कप्तान), मोहम्मद नवाज, उसामा मीर, फहीम अशरफ, हारिस रऊफ, मोहम्मद वसीम जूनियर, नसीम शाह, शाहीन अफरीदी।