टीम पाकिस्तान: बेलगाम 'डार्क हॉर्स'
कंटेंट प्रस्तुति- संदीप, समय और अजय
इमरान खान, वसीम अकरम, जावेद मियाँदाद, अब्दुल कादिर जैसे सितारे से सजी भारतीय उपमहाद्वीप की यह टीम कभी दुनिया की सबसे ज्यादा क्रिकेट खतरनाक टीमों में शुमार थी। विश्वकप 1992 की विजेता इस टीम ने घर और बाहर, दोनों ही जगह विपक्षी टीमों को धूल चटाई है पर वर्तमान में शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। डोपिंग, स्पॉट फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोपों के भँवर में फँसी पाकिस्तान टीम की परेशानियाँ सिर्फ यही नहीं खत्म होती। क्रिकेट राजनीति का शिकार है और चयन के मामले में खिलाड़ियों की नहीं नेताओं की चलती है। इस बेहतरीन टीम के हालत इतने बुरे तो कभी नहीं रहे कि टीम चयन के कई दिनों बाद भी विश्वकप टीम के कप्तान की घोषणा ही नहीं हुई। इस मुल्क में काँटों भरे इस ताज को अब शाहिद अफरीदी के सिर पर पहनाया गया है तो अब यह तो वक्त बताएगा कि इस टीम में उलटफेर करने का कितना दमखम है। नए और पुराने खिलाड़ियों के मेल से बनी इस टीम को जरूरत है तो सिर्फ एक अदद मार्गदर्शक की... शाहिद अफरीदी: ऑलराउंडर खिलाड़ी। आक्रामक बल्लेबाज और लेगस्पिनर का बेजोड़ मिश्रण। अगर अपने रंग में हो सामने वाली टीम को बदरंग कर देते हैं। एक दिवसीय मैचों में सबसे तेज शतक का रिकार्ड। टीम को अंडर-19 विश्वकप जीता चुके हैं। धुआंधार बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं। टीम के सबसे सफल ऑलराउंडर खिलाड़ी। खुद के दम पर मैच का रूख पलट सकते हैं। एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के जमाने का रिकॉर्ड भी शाहिद अफरीदी के ही नाम है। अपनी लेगस्पिन से नामी बल्लेबाजों को छकाते हैं। मायनस पॉइंट - प्रदर्शन में लगातार गिरावट। बल्लेबाजी में धैर्य की कमी। बहुत दिनों से अपने रंग में नहीं। मिस्बाह उल हक: एक ओर्थोडॉक्स बल्लेबाज जिसमे टेम्परामेंट की कमी नहीं। चिपकू बल्लेबाज। तकनीक के साथ आक्रमकता का सही मिश्रण। कप्तान के रूप में टीम को एकजुट किया। दबाव में बिखरते नहीं। इंजमाम की राह पर। मध्यम क्रम में बल्लेबाजी करते हुए कई मैचों में टीम की नैय्या पार लगाई। फिलहाल विश्वकप के लिए पाकिस्तान टीम के उपकप्तान बनाए गए हैं। मायनस पॉइंट - निरंतरता की कमी। लंबे समय तक टीम से बाहर रहने पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव। वरिष्ठ खिलाड़ियों से नहीं बनती। कप्तान से उपकप्तान बनना मनोबल गिरा सकता है। अब्दुल रज्जाक: पाकिस्तान के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक रज्जाक लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं। कई बार पाकिस्तान के लिए 'मैच विनर' बल्लेबाज साबित हुए हैं। आक्रामक बल्लेबाज के साथ ही वे एक तेज गेंदबाज भी हैं। अपनी सटीक रिवर्स स्विंग से बल्लेबाजों को खासा परेशान करते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अच्छा अनुभव। कई बार अंदर बाहर होने के बावजूद प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कवर और मिड ऑफ में सबसे स्ट्रॉंग। मायनस पॉइंट - अच्छे प्रदर्शन का दबाव। लाईन लेंथ का ध्यान रखना होगा। अब्दुर रहमान: स्लो ऑर्थोडोक्स गेंदबाज रहमान के लिए पाकिस्तान टीम जगह बनाना आसान नहीं था लेकिन अपने प्रदर्शन के दम पर देर से ही सही राष्ट्रीय टीम में शामिल हो गए। घरेलू क्रिकेट में अच्छा पद्रर्शन। अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में शानदार गेंदबाजी।मायनस पॉइंट - निरंतरता की कमी। गेंदबाजी के लिए पिच पर निर्भरता। अंतरराष्ट्रीय अनुभव की कमी।अहमद शहजाद: रिकी पॉंटिंग की तरह आक्रामक बल्लेबाज बनने का सपना देखने वाले शहजाद पाकिस्तान के ओपनिंग बल्लेबाज हैं। अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर शहजाद ने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई। पाकिस्तान की नई पीढ़ी के उभरते और एक जोशीले बल्लेबाज। वैसे भी पाकिस्तान को एक अच्छे ओपनर की जरूरत है। मायनस पॉइंट - अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का ज्यादा अनुभव नहीं। इतने बड़े टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन का दबाव।
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शोएब अख्तर: '
रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से पहचाने जाने वाले शोएब अपनी तेज रफ्तार की सनसनाती गेंदो के दम पर आज भी बल्लेबाजों को सकते में डाल देते हैं। कभी विश्व के सबसे तेज गेंदबाज होने का रूतबा था। इमरान खान, वसीम अकरम और वकार यूनुस की परंपरा को आगे बढ़ाया। जब शोएब अपनी पूरी ताकत से गेंद डालते थे तो बल्लेबाजों की रूह फाख़्ता हो जाती थी। मायनस पॉइंट - अनुशासनहीनता। विवादों से प्यार। गेंदबाजी में पहले जैसा पैनापन नहीं। साथी खिलाड़ियों से मतभेद। बड़बोलापन। सचिन और सहवाग के आगे बेबस। असद शफीक: बाएँ हाथ के बल्लेबाज जो पाकिस्तानी टीम के लिए ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करते हैं। कराची के इस खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट में शानदार पारियाँ खेलकर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। पाकिस्तान की युवा ब्रिगेड के एक और आक्रमक बल्लेबाज। टीम की अहम कड़ी के रूप में उभर रहे हैं। मायनस पॉइंट - अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का ज्यादा अनुभव नहीं। दबाव में विकेट थ्रो करते हैं। तकनीक में सुधार की जरूरत। कामरान अकमल: विकेटकीपर बल्लेबाज पाकिस्तान क्रिकेट टीम का अहम अंग रहे हैं। अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर मैच का रूख बदलने का माद्दा रखने वाले कामरान जब क्रीज में होते हैं तो रनों की बौछार कभी थमती नहीं है। अपने बल्ले के दम पर अच्छी शुरुआत देने की काबिलियत। लंबे शॉट लगा कर गेंदबाज पर हावी होने की कोशिश करते हैं। तेजी से रन बनाने में विश्वास। एक कीपर के तौर पर काफी फुर्तीले और चपल हैं।मायनस पॉइंट - बेवजह अपील करते हैं। कमजोर तकनीक। लंबे समय से टीम से बाहर। अच्छे प्रदर्शन के साथ ही दामन पर लगे दागों को भी धोने का दबाव। मोहम्मद हाफिज: ओपनिंग बल्लेबाज और ऑफस्पिन गेंदबाज। एक शानदार ऑलराउंडर। बल्लेबाजी में सही तकनीक का उपयोग करते हैं। प्रभावी फील्डिंग से विरोधी टीम को कोई मौका नहीं देते। घरेलु क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के दम पर फिर से टीम में वापसी करने वाले हाफिज पर वर्तमान में पाकिस्तानी टीम को अच्छी शुरुआत देने की जिम्मेदारी है।मायनस पॉइंट - टीम में निरंतरता नही। मौकों का फायदा नहीं उठा पाए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबे समय बाद वापसी। खुद को साबित करने का दबाव।सईद अजमल: टीम के स्पिन आक्रमण के अगुवा। ऑफस्पिन और दूसरा फेंकने वाले अजमल ने टी-20 विश्वकप जिताने में अहम किरदार निभाया था। स्पिन गेंदबाज होने के बावजूद स्लॉग ओवर्स में कई बार विकेट हासिल किए। वर्तमान में सबसे भरोसेमंद स्पिन गेंदबाज। फ्लाईट और सही एंगल से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों की नाक में दम करने वाले अजमल उपमहाद्वीप में होने वाले विश्वकप में पाकिस्तानी टीम की अहम कड़ी साबित हो सकते हैं।मायनस पॉइंट - धीमी पिचों पर अच्छी गेंदबाजी करने का दबाव रहेगा। एशियाई बल्लेबाजों से निपटना बड़ी चुनौती। (आगे पढ़ें...)
युनूस खान: पाकिस्तानी क्रिकेट का सबसे जाना पहचाना नाम। खुद के दम पर मैच जिताने की काबिलियत। तकनीक और अनुभव का शानदार मिश्रण। दबाव में खेलने से घबराते नहीं। लंबा अतरराष्ट्रीय अनुभव। कई बार टीम की कमान सभांल चुके युनूस विश्वकप में टीम की अहम कड़ी साबित होगें। ऑफ साइड में सबसे स्ट्रॉंग। टीम में उनकी अहमियत इस बात से साबित होती है कि रिटायरमेंट लेने के बाद उन्हे फिर से खेलने के लिए बुलाया गया। 2009 में युनूस की कप्तानी में टीम ने टी-20 विश्वकप जीता। मायनस पॉइंट - गुटबाजी करने का आरोप। साथी खिलाड़ियों से बनती नहीं। पहले जैसे रंग में नहीं।