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सावधान! कही आप मिलावटी दूध तो नहीं पी रहे हैं...

70 फीसदी दिल्ली वाले पीते हैं मिलावटी दूध

ND| Last Modified गुरुवार, 5 जनवरी 2012 (12:26 IST)
राजधानीवासी दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं। मुनाफाखोरों की मनमानी से दिल्ली के 70 फीसदी लोग पीने को मजबूर हैं। खतरनाक बात यह है कि जांच के दौरान कई नमूनों में डिटर्जेंट की मिलावट पाई गई है। कुछ में वसा यानी फैट ज्यादा मिला है तो कई में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई है। इस मिलावट से कई तरह की गंभीर बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है

यह सनसनीखेज खुलासा राजधानी के विभिन्न इलाकों से इकट्ठे किए गए दूध के नमूनों की जांच रिपोर्ट से हुआ है। द्वारा लिए गए 71 नमूनों में से 50 नमूनों में मिलावट पाई गई। यह नमूने प्राधिकरण द्वारा तय मानकों के अनुसार नहीं निकले। इनमें खुले और पैक दोनों तरह का दूध शामिल है।

राजधानी में दूध की दैनिक खपत 60 लाख लीटर के आसपास है। जिसमें सर्वाधिक लगभग 24 से 25 लाख लीटर दूध की आपूर्ति मदर डेयरी द्वारा की जाती है। छह से साढ़े छह लाख लीटर के आसपास अमूल द्वारा और लगभग चार-चार लाख लीटर दूध की आपूर्ति गोपाल जी और दिल्ली दुग्ध योजना (डीएमएस) द्वारा रोजाना की जाती है।

निजी क्षेत्र यानी दूधियों और दूसरी कई डेयरियों द्वारा भी रोजाना 18 से 20 लाख लीटर दूध की आपूर्ति की जाती है। बाजार विशेषज्ञों की मानें तो दूध की मांग व आपूर्ति के अंतर को कई कंपनियां और कुछ मुनाफाखोर मिलावटी दूध से पूरा कर रहे हैं। खाद्य अपमिश्रण एवं निवारण निदेशालय के एक आला अधिकारी ने माना कि दूध में सबसे ज्यादा मिलावट हो रही है। परम डेयरी के मालिक राजीव कुमार ने कहा कि सभी हर व्यापार में कुछ गंदे लोग होते हैं।

पूरे देश से कुल 1711 नमूने लेकर जांच के लिए सरकारी प्रयोगशाला में भेजे गए थे। 69 फीसदी नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें से गोवा व पुड्डूचेरी में दूध के 100 फीसदी नमूने ठीक निकले। जबकि छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल मिजोरम में दूध के 100 फीसदी नमूने मिलावटी पाए गए। (हिरेन्द्र सिंह राठौर)
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