Last Modified: चुनार (भाषा) ,
गुरुवार, 3 जनवरी 2008 (12:36 IST)
अंधाधुंध भौतिक विकास की दौड़ घातक-गोविन्दाचार्य
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं भारत विकास संगम के संयोजक गोविन्दाचार्य ने अंधाधुंध भैतिक विकास को घातक बताते हुए पर्यावरण अनुकूल विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने पर जोर दिया है।
'भारत विकास संगम' के यहाँ शुक्रवार से प्रारंभ हो रहे तीन दिवसीय प्रथम अखिल भारतीय सम्मेलन के संदर्भ में गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गोविन्दाचार्य ने देश की जनता को अंधाधुंध भैतिक विकास की दौड़ में शामिल होने के खिलाफ आगाह किया। उन्होंने कहा कि विकास की अंधी दौड़ में पर्यावरण का ध्यान न रखने पर मनुष्य जाति के लिए ही खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
गोविन्दाचार्य ने कहा कि विश्व पिछले दो सौ वर्षों से मनुष्य प्रकृति के बारे में अधूरी समझ का शिकार है। पर्यावरण विनाशी भैतिक सोच के चलते शोषणमूलक व्यवस्थाओं का सृजन और संवर्धन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि ओजोन परत में छेद और ग्लोबल वार्मिंग पर्यावरण के साथ दुर्व्यवहार के ही परिणाम हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति जनजागृति पैदा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और जागरूकता लाने की महती आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि उनका मंच देश की आर्थिक सामाजिक राजनीतिक एवं सांस्कृतिक पुनर्रचना के लिए विभिन्न गैर सरकारी संगठनों को एक मंच पर लाकर प्रयासरत हैं और आगामी सम्मेलन में इन मुद्दों पर गहन चिंतन सत्र आयोजित किए जाएँगे।