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Written By भाषा
Last Modified: बीजिंग (भाषा) , गुरुवार, 21 अगस्त 2008 (22:39 IST)

ऑस्ट्रेलिया के लिए पदक नहीं जीत पाए संदीप

ओलिम्पिक कुश्ती ऑस्ट्रेलिया संदीप
संदीप कुमार का ऑस्ट्रेलिया के लिए ओलिम्पिक पदक जीतने का सपना आज तब टूट गया, जब दिल्ली में जन्मे और मेलबोर्न में टैक्सी चलाने वाला भारतीय मूल के यह पहलवान 84 किग्रा फ्रीस्टाइल के रेपचेज राउंड में हार गए।

संदीप पहले पंजाब पुलिस में कार्यरत थे और उनके साथी कोई और नहीं बल्कि दलीपसिंह थे जिन्हें डब्ल्यूडब्ल्यूई में 'द ग्रेट खली' के नाम से जाना जाता है। संदीप अपने पहले दौर का मुकाबला यूसुफ अब्दुसालोमोव से हार गए।

तजाकिस्तान का विश्व में दूसरे नंबर का पहलवान हालाँकि फाइनल में पहुँचने में सफल रहा, जिससे 25 वर्षीय संदीप के लिए रेपचेज के दरवाजे खुल गए। संदीप को रेपचेज के पहले दौर में बाय मिला, लेकिन दूसरे दौर में यूक्रेन के तारास डांको ने उनकी पदक जीतने की उम्मीद खत्म कर दी।

संदीप मेलबोर्न में ओलिम्पिक तैयारियों के साथ सप्ताह में पाँच दिन टैक्सी भी चलाते हैं। वह दिन में दस घंटे टैक्सी चलाने के बाद शाम को दो घंटे अभ्यास करते है।

भारत में अपने लिए कुश्ती में कोई करियर न देखते हुए वह कोच कुलदीपसिंह बासी की सलाह पर ऑस्ट्रेलिया गए और उन्होंने वहाँ मेलबोर्न कुश्ती क्लब में आठ माह बिताए। इसके बाद वह फिर 2004 में ऑस्ट्रेलिया गए और तीन साल बाद वहाँ की नागरिकता हासिल कर ली।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व पहली बार विश्व चैंपियनशिप में की। संदीप के बाहर होने से कुश्ती में ऑस्ट्रेलियाई चुनौती भी समाप्त हो गई।