स्वर्ण से बदलेगी खेल की तस्वीर-बिंद्रा
क्रिकेट भले ही भारतीयों के दिल की धड़कन हो, लेकिन भारतीय निशानेबाजी के 'गोल्डन ब्वॉय' अभिनव बिंद्रा को उम्मीद है कि बीजिंग ओलिम्पिक में उन्हें मिला स्वर्ण देश में खेलों का चेहरा बदलेगा।अभिनव ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरे इस पदक से भारत में ओलिम्पिक खेलों का चेहरा बदलेगा।उन्होंने कहा कि मेरे लिए जीवन वैसा ही चलता रहेगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि ओलिम्पिक खेलों को एक नया आयाम मिलेगा। उम्मीद है कि अब इन खेलों पर भी ध्यान दिया जाएगा।फाइनल्स में अपनी स्कोरिंग के बारे में अभिनव ने कहा कि मैं चौथे स्थान पर रहकर फाइनल में पहुँचा था, लिहाजा मुझे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था। यही वजह है कि मैं इतना आक्रामक था और इसका फायदा भी मिला।यह पूछने पर कि उन्हें कब महसूस हुआ कि वे इतिहास रचने के करीब हैं? बिंद्रा ने कहा कि मैं इतिहास की चिंता नहीं कर रहा था। मैं आक्रामक प्रदर्शन करके अच्छा स्कोर करना चाहता था और मैंने वैसा ही किया।उन्होंने कहा कि मैंने खराब शुरुआत की, लेकिन जल्दी ही स्थिति पर नियंत्रण पा लिया। आज का दिन मेरा था। कमर की चोट के कारण एक समय बिंद्रा के करियर पर संकट पैदा हो गया था और उन्होंने कहा कि इससे उबरना आसान नहीं था।उन्होंने कहा कि मैंने काफी मेहनत की। भारत में और जर्मनी में अभ्यास किया। इससे साबित होता है कि कड़ी मेहनत करते रहने से एक न एक दिन जीत जरूर मिलती है। बिंद्रा ने कहा कि मेरे माता-पिता, परिवार और कोचों ने मेरा पूरा साथ दिया और मेरा पदक उन्हीं को समर्पित है।