सीआरपीएफ कमांडो करेंगे संसद की सुरक्षा
संसद भवन परिसर की सुरक्षा में जल्द ही केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के विशेष कमांडो प्रशिक्षित स्क्वाड को तैनात किया जाएगा, जो अत्याधुनिक हथियारों और संचार उपकरणों से लैस होगा।इस स्क्वाड को ‘संसद ड्यूटी समूह (पीडीजी)’ के नाम से जाना जाएगा। ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि ऐतिहासिक संसद भवन में एक समान सशस्त्र सुरक्षा प्रणाली होगी।केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने संसद भवन की सुरक्षा के लिए विशेष इकाई बनाने के फैसले को हाल ही में मंजूरी दी है। विशेष इकाई मुख्य संसद भवन, स्वागत कक्ष वाली इमारत, संसदीय ज्ञानपीठ (पुस्तकालय भवन) औरी संसदीय सौध की सुरक्षा में तैनात होगी।सीआरपीएफ महिला कमांडो सहित 1540 जवानों को तैनात करेगा। इन जवानों ने कमांडो और रणनीतिक प्रशिक्षण तो लिया ही है, वे संसद परिसर में परमाणु या जैव-रसायन हमले जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए भी तैयार किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि 2001 में संसद भवन पर आतंकवादी हमला हो चुका है।संसद परिसर में जल्द ही तैनात होने वाली यह विशेष इकाई संसद भवन के अतिरिक्त सचिव (सुरक्षा) के तहत काम करेगी। सीआरपीएफ के महानिदेशक स्क्वाड की सभी गतिविधियों का पर्यवेक्षण करेंगे।एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि नई इकाई संसद भवन परिसर में किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम होगी। इसके पास ग्लाक पिस्टल और स्निपर राइफल जैसे आधुनिक हथियार, वाहन और संचार उपकरण होंगे।पीडीजी को संसदीय सुरक्षा इकाई, दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ से पूरा समर्थन रहेगा। ये लोग संसद भवन के आसपास और उस तक पहुंचने के रास्तों की सुरक्षा करते हैं। गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ से कहा है कि वह पीडीजी में रखे जाने वाले जवानों की आयु तय करे और इस स्क्वाड के युवा जवान एक बार शामिल होने के बाद चार साल तक ही रहेंगे।सीआरपीएफ मुख्यालय ने 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद ही संसद भवन की सुरक्षा विशेष दस्ते से कराने का विचार किया था। इस समय सीआरपीएफ की दिल्ली स्थित विभिन्न बटालियनों से लिए गए जवान संसद भवन की सुरक्षा करते हैं।पीडीजी में सुरक्षा जवान, संचार विशेषज्ञ, त्वरित कार्रवाई दल और चिकित्सा स्टाफ की अलग अलग इकाइयां होंगी। पीडीजी का प्रशासनिक नियंत्रण सीआरपीएफ के उत्तरी क्षेत्र के महानिरीक्षक संभालेंगे। (भाषा)