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Written By वार्ता

असम में 72 घंटे में 26 हत्याएँ

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने की निंदा

असम हिंदी भाषी उग्रवाद उल्फा
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, केन्द्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल, भाजपा अध्यक्ष राजनाथसिंह सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने असम के कार्बी आंगलांग जिले में पिछले 72 घंटों में हुई 26 हिन्दी भाषी श्रमिकों की हत्याओं की घटना की निंदा की है, जबकि राजग ने केन्द्र सरकार से शीघ्र हस्तक्षेप कर विशेष कदम उठाने की माँग की है।

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से घटना के दोषियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। पाटिल ने भी घटना की निंदा करते हुए ऐसे हमलों को रोकने के लिए राज्य सरकार को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार से लगातार संपर्क बनाए हुए है और वहाँ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

भाजपा अध्यक्ष और जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे हमले सीधे तौर पर देश की एकता एवं अखंडता पर होने वाले हमले हैं। उन्होंने कहा कि लोग देश के किसी भी राज्य में जाने के लिए स्वतंत्र हैं और अगर ऐसे हमले नहीं रोके गए तो इससे राष्ट्र की शांति प्रभावित होगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र से शीघ्र हस्तक्षेप कर असम में हिन्दी भाषी समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराने की माँग की। उन्होंने कहा कि असम के हिन्दी भाषी समुदाय में ज्यादातर लोग बिहार के दैनिक मजदूर हैं।

भाजपा और जदयू के छह सांसदों का एक दल ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए असम जाएगा। दोनों दलों के अध्यक्षों द्वारा गठित इस दल की अगुवाई भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र करेंगे, जबकि दल के अन्य सदस्यों में विक्रम वर्मा, खारवल स्वैन, किरण रिजिजू, महेन्द्र साहनी और जनार्दन सिग्रीवाल को शामिल किया गया है।

असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कल कार्बी आंगलांग का दौरा कर उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया। हालाँकि हिन्दी भाषी लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के गोगोई के सारे वायदे और भरोसे उस वक्त धरे के धरे रह गए जब कल रात संदिग्ध कार्बी उग्रवादियों ने बोरपोथार चौकी के रोंगबोंखा गाँव में चार अन्य मजदूरों की हत्या कर दी। इनमें से दो बिहार के रहने वाले हैं, जबकि दो मारवाड़ी समुदाय के हैं।