भाजपा सहित विपक्षी दलों ने संसद में आरोप लगाया कि एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले सामने आने से लोगों का राजनीति और शासन के प्रति भरोसा पूरी तरह से उठ चुका है और उसकी बहाली के लिए सरकार को तुरंत गंभीर कदम उठाने चाहिए जबकि कांग्रेस ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हाल में जो कदम उठाए गए हैं, उससे सरकार की गंभीरता स्पष्ट है।
लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा, वाम तथा अन्य विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की धीमी कार्रवाई को लेकर तीखी आलोचना की। विपक्षी नेताओं का कहना था कि सरकार ने महँगाई पर लगाम कसने के मामले में भी कुछ नहीं किया, जिसके कारण आम आदमी को दाल-रोटी के भी लाले पड़ गए हैं।
क्या थक गए हैं मनमोहन? : राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह पर आरोप लगाया कि वह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सारी जिम्मेदारी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और गठबंधन की मजबूरी पर डाल कर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते। लोकसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथसिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की नियत पर शक नहीं करते हैं, लेकिन वे देश को बताएँ कि विभिन्न घोटालों समेत देश के समक्ष उत्पन्न समस्या के लिए कौन दोषी है। क्या वे परेशान हैं, क्या वे थक-हारकर बैठ गए हैं।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत लोकसभा में कांग्रेस के पीसी चाको और राज्यसभा में इसी पार्टी के जनार्दन द्विवेदी ने की।
चीन की हमले की तैयारी : सपा के मुलायम सिंह ने दावा किया कि चीन भारत पर हमले की पूरी तैयारी कर चुका है और सरकार इसकी जानकारी रखने के बावजूद कोई जवाबी तैयारी नहीं कर रही है। चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि सेना के आला अफसर सरकार को चीन के इस इरादे से अवगत करा चुके हैं, लेकिन वह सेना को इस खतरनाक स्थिति से निपटने के बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं दे रही है।
उन्होंने दावा किया कि भारत पर हमले की तैयारी में चीन तिब्बत के समीप भारतीय सीमाओं के पास अपने टैंक, विमान और फौजों की तैनाती कर चुका है।
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा आज सीखचों के पीछे हैं और इस बात ने साबित कर दिया है कि अगर कहीं भ्रष्टाचार है तो प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह उसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
राष्ट्रपति के अभिभाषण का समर्थन करने के साथ ही तृणमूल नेता ने कहा कि उनकी पार्टी काला धन के मुद्दे पर चिंतित है। उन्होंने सरकार से माँग की कि वह इस मामले पर सकारात्मक रुख अपनाकर उन भारतीयों की स्पष्ट सूची जारी करे जिनके विदेशों खासकर स्विस बैंकों में खाते हैं। वह यह भी बताए कि ऐसे लोगों ने कितना काला धन विदेशों में छिपा कर रखा है।
महँगाई पर सुझाव : सुदीप ने बेकाबू होती महँगाई पर भी चिंता जताते हुए सरकार को सुझाव दिया कि इसे नियंत्रित करने के लिए चावल, गेहूँ, आटा, दालों, चाय पत्ती, दूध, चीनी, कुछ खाद्य तेलों, आलू, प्याज और नमक सहित कुल 17 जिन्सों को पूर्णत: सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए ही रियायती दरों पर बेचा जाए।
बसपा के शफीकुर्हमान बर्क ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में मुसलमानों के लिए कोई कल्याण योजना का जिक्र नहीं होने पर खेद जताते हुए इस समुदाय को 13 प्रतिशत आरक्षण देने की माँग की।
केन्द्र के दोहरे मापदंड : बीजद के अजरुन चरण सेठी ने उड़ीसा के साथ भेदभाव किए जाने के आरोप लगाते हुए कहा कि विभिन्न परियोजनाओं को लेकर केन्द्र सरकार राज्य के साथ दोहरे मापदंड अपना रही है। उन्होंने साथ ही उड़ीसा की खनिज संपदा के संबंध में रॉयल्टी को संशोधित किए जाने की माँग की। शिवसेना के आनंद राव अड़सूल ने आरोप लगाया कि मनमोहनसिंह को इतिहास में सबसे कमजोर प्रधानमंत्री के रूप में याद रखा जाएगा।
पवार पुत्री ने किया पापा का बचाव : कांग्रेस की सुप्रिया सुले ने कृषि उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहराया और साथ ही कहा कि भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को संवेदनशीलता से सुलझाए जाने की जरूरत है। उन्होंने सरकार से उर्वरा भूमि का अधिग्रहण नहीं किए जाने की व्यवस्था करने की भी माँग की।
उन्होंने साथ ही कहा कि शिक्षा के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है क्योंकि जिला परिषद स्कूलों में दी जा रही खराब गुणवत्ता की शिक्षा के कारण बड़ी संख्या में बच्चे निजी स्कूलों का रुख कर रहे हैं। सुले ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराए जाने की पुरजोर माँग की। अभिभाषण पर चर्चा अधूरी रही। (भाषा)