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Written By भाषा

बीएमडब्ल्यू: संजीव नंदा को अंतरिम जमानत

बीएमडब्ल्यू: संजीव नंदा को अंतरिम जमानत -
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में पाँच साल कैद की सजा काट रहे संजीव नंदा को तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी ताकि वह अपने बीमार दादा से मिल सके।

न्यायाधीश कैलाश गंभीर ने संजीव को तीन सप्ताह की जमानत दे दी ताकि वह पूर्व नौ सेना प्रमुख और अपने दादा एसएम नंदा से मिल सके, जिन्होंने 1971 के भारत पाक-युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

संजीव को जमानत देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि यह हर कोई जानता है कि एडमिरल नंदा ने राष्ट्र की सेवा की और वह 1971 के युद्ध नायक थे। उनका करियर शानदार रहा।

अदालत ने कहा कि 1971 के युद्ध नायक के अपने पोते से मिलने की सहायता के क्रम में संजीव नंदा को तीन सप्ताह की जमानत दी जाती है। 16 दिसंबर को अदालत ने संजीव के जमानत आग्रह पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।

उसकी तरफ से पेश हुए वकील राम जेठमलानी ने अदालत से कहा था कि संजीव के दादा का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह अपने पोते से मिलना चाहते हैं।

जेठमलानी ने संजीव को जमानत दिए जाने की माँग करते हुए कहा था उसके दादा 93 साल की उम्र में पार्किंसन से बुरी तरह पीड़ित हैं। दो बार दिल का दौरा पड़ने के अतिरिक्त उन्हें अन्य कई बीमारियाँ भी है।

जेठमलानी ने एसएम नंदा द्वारा राष्ट्र को दी गईं शानदार सेवाओं का हवाला देते हुए उनके पोते को जमानत दिए जाने की माँग की थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि एसएम नंदा जीवनभर राष्ट्र की सेवा करते रहे। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान बमबारी के लिए नौका लेकर अकेले कराची गए।

जेठमलानी ने कहा था कि एसएम नंदा अब 90 साल से ऊपर के हैं और उनकी याददाश्त घट रही है। जब भी उनकी याददाश्त वापस आती है तो वह सिर्फ अपने पोते को याद करते है।

हथियारों के सौदागर सुरेश नंदा के बेटे संजीव नंदा को उसकी बीएमडब्लयू कार से कुचलकर हुई छह लोगों की मौत के मामले में पाँच सितंबर को पाँच साल कैद की सजा सुनाई गई थी। संजीव ने 10 जनवरी 1999 को तड़के यहाँ की लोधी कालोनी में छह लोगों को कुचल दिया था जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल थे।