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Written By भाषा

कैसे हुई थी डॉ. भीमराव अंबेडकर की मौत?

डॉ भीमराव अंबेडकर
FILE
भारत सरकार के पास संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मौत से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। सुनने में यह भले ही गलत लगे, लेकिन सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में केंद्र सरकार ने यही जवाब दिया है।

आरटीआई अधिनियम के तहत दायर आवेदन के जवाब में केंद्र के दो मंत्रालयों और अंबेडकर प्रतिष्ठान ने अपने पास अंबेडकर की मौत से जुड़ी कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है।

एक मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी ने यह भी कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मांगी गई सूचना किस विभाग से संबद्ध है।

आरटीआई कार्यकर्ता आर एच बंसल ने राष्ट्रपति सचिवालय में आवेदन दायर कर पूछा था कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की मौत कैसे और किस स्थान पर हुई थी? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या मृत्यु उपरांत उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया था। पोस्टमॉर्टम की स्थिति में उन्होंने रिपोर्ट की एक प्रति मांगी थी।

आवेदन में यह भी पूछा गया था कि संविधान निर्माता की मृत्यु प्राकृतिक थी या फिर हत्या। उनकी मौत किस तारीख को हुई थी, क्या किसी आयोग/समिति ने उनकी मौत की जांच की थी?

राष्ट्रपति सचिवालय ने यह आवेदन गृह मंत्रालय के पास भेज दिया जिस पर गृह मंत्रालय द्वारा आवेदक को दी गई सूचना में कहा गया है कि डॉ. अंबेडकर की मृत्यु और संबंधित पहलुओं के बारे में मांगी गई जानकारी मंत्रालय के किसी भी विभाग, प्रभाग और इकाई में उपलब्ध नहीं है।

मंत्रालय ने आगे कहा है कि क्योंकि यह सोचा गया कि इसकी जानकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पास होगी, इसलिए आपका आवेदन इस मंत्रालय को भेज दिया गया।

जवाब में कहा गया है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने आवेदन डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेज दिया और फाउंडेशन ने भी इस बारे में अपने पास कोई जानकारी नहीं होने की सूचना देकर आवेदन वापस गृह मंत्रालय को भेज दिया।

अंत में गृह मंत्रालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने आवेदक को दिए जवाब में कहा है कि इससे आगे अब उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है कि यह सूचना किस विभाग से संबंधित है।

वरिष्ठ पत्रकार एवं दलित चिंतक अनिल चमडिया का इस बारे में कहना है कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार डॉ अंबेडकर की मौत बीमारी से हुई थी और इस बारे में एक तबके ने हाल में ही विवाद खड़ा किया है।

दूसरी ओर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर प्रदीप सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा इस बारे में आरटीआई के तहत दिया गया जवाब अपने आप में आश्चर्यजनक है, क्योंकि अब तक पाठ्य पुस्तकों में यही पढ़ाया जाता रहा है कि डॉ. अंबेडकर की मौत बीमारी से हुई थी।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होने के बारे में कहना अपने आप में काफी चकित करने वाला है। (भाषा)