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Written By ND

एक माह में किया दो रेट पर सौदा

एक माह में किया दो रेट पर सौदा -
प्रदेश में बिजली खरीद विवाद के मामले में एक ही महीने में अलग-अलग रेट पर सौदे हुए। कंपनियों ने एक ही महीने में और एक ही कंपनी से कई बार तो पाँच गुना तक महँगी बिजली खरीदी। टेंडर की तय प्रक्रिया से 55.81 करोड़ रुपए की खरीदी हुई, जबकि उसी अवधि में बिना टेंडर से करीब साढ़े सात सौ करोड़ रुपए की खरीदी हुई।

टेंडर की बिजली 2 रुपए 91 पैसे प्रति यूनिट ली गई जबकि बिना टेंडर वाली 3 रुपए 42 पैसे प्रति यूनिट। 2005-06 के दस महीनों में से मई में पीटीसी से 5.2 करोड़ की खरीदी टेंडर से हुई तो बिना टेंडर के 29.48 करोड़ की खरीदी की गई यानी स्पॉट रेट पर खरीदी में छः गुना से भी अधिक का अंतर रहा। सबसे अधिक बिजली अडानी समूह से खरीदी गई।

नियमानुसार खरीदी : ऊर्जा विभाग, मप्र के सचिव संजय बंदोपाध्याय ने कहा कि बिजली के दामों में हर मिनट अंतर आ जाता है। उस समय जो भी स्पॉट रेट बेहतर था, उस पर खरीदी की गई। स्पॉट रेट पर खरीदी के लिए भी ट्रेडिंग कंपनी में तीन स्तर पर मंजूरी लेना होती है। मंजूरी लेकर ही नियमानुसार खरीदी की गई।

किस कंपनी से कितनी खरीदी : एक ही महीने छः गुना से अधिक खरीदी जो अवधि 2005-06 राशि करोड़ रुपए में खरीदी गई।
कंपनी - टेंडर से - बिना टेंडर
पीटीसी - 11.6 - 321.77
अडानी 44.21 - 349.84
एनवीवीएन -- 28.07
टाटा -- 14.15
सुभाष कामिनी -- 13.73
रिलायंस -- 09.83