देश के लिए तोहफा है विश्व कप:यूनुस
पाकिस्तानी कप्तान यूनुस खान ने ट्वेंटी-20 विश्वकप खिताब को आतंकवाद से जूझ रहे अपने देश को समर्पित करते हुए इसका श्रेय पूरी टीम को दिया, जिसने 'अंडरडॉग' के रूप में शुरुआत करके अचानक ही लय पकड़ी।पाकिस्तान की फाइनल में श्रीलंका पर आठ रन की जीत के बाद यूनुस भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए टीम की तरफ से तोहफा है और महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बहुत सही समय पर आया है।उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूँ। इमरान खान (1992 एकदिवसीय विश्व कप) के बाद कोई भी पाकिस्तानी कप्तान विश्व कप नहीं जीत पाया था और मुझे खुशी है कि मैंने यह उपलब्धि हासिल की। जब भी मैं अपना करियर समाप्त करूँगा तब मैं पीछे मुड़कर देखूँगा तो इस खिताब से अच्छा महसूस करूँगा। पाकिस्तानी टीम ने ऐसे समय में यह जीत दर्ज की जबकि उनका देश आतंकवाद से जूझ रहा है और सुरक्षा कारणों से वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से महरूम है। यूनुस कप्तानी संभालने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने कहा भी कि वे खुद को बहुत अच्छा कप्तान नहीं मानते लेकिन वे साहसिक कप्तान हैं जिसकी टीम को जरूरत थी। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब मैं जिस भी व्यक्ति से मिलता वह मुझसे पाकिस्तान की कप्तानी संभालने के लिए कहता। मैं जानता हूँ कि मैं बहुत अच्छा कप्तान नहीं हूँ लेकिन मैं यह भी समझता हूँ कि मैं साहसी हूँ और कप्तान का साहसिक होना जरूरी है। यूनुस ने कहा कि टीम के लिए अंडरडॉग के रूप में शुरुआत करना अच्छा रहा। उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट के शुरू में किसी ने भी नहीं सोचा था कि हम खिताब जीतेंगे। हमने अंडरडॉग के रूप में शुरुआत की और अचानक ही खिलाड़ियों ने लय पकड़ ली। इसका पूरा श्रेय टीम और देश को जाता है।उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट से पहले शाहिद अफरीदी, अकमल अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे लेकिन अचानक ही सभी खिलाड़ी फॉर्म में दिखने लगे। सईद अजमल और उमर गुल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया जबकि अब्दुल रज्जाक के आने से भी टीम को मजबूती मिली।यूनुस ने कहा कि अफरीदी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजना कारगर साबित हुआ। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा मानना था कि वे एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 में नंबर तीन का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं और पिछले दो मैच में उनका प्रदर्शन शानदार रहा। अफरीदी ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी और 20 रन पर एक विकेट लेने के बाद 54 रन की पारी खेली और 'मैन ऑफ द मैच' बने। उन्होंने भी कप्तान का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि यूनुस ने मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ाया। मैंने उनसे कहा कि वे मुझे ऊपरी क्रम पर भेजें जिस पर वे सहमत हो गए। उन्होंने मुझसे अपना नैसर्गिक खेल खेलने के लिए कहा। इस ऑलराउंडर ने कहा कि मैं पिछले दो साल से अच्छी गेंदबाजी कर रहा था लेकिन बल्लेबाजी में संघर्ष कर रहा था। यूनुस ने वास्तव में मेरा मनोबल बढ़ाया और मदद की। इस बीच श्रीलंका का अजेय अभियान फाइनल में थम गया लेकिन कप्तान कुमार संगकारा ने कहा कि अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर उन्हें गर्व है। उन्होंने कहा कि हम कुछ अवसरों पर अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पाए। गेंदबाजों के लिए छोटे लक्ष्य का बचाव करना मुश्किल था और यहाँ तक कि आज भी हमने 20 रन कम बनाए। संगकारा ने कहा मेरा मानना है कि अभी हमारे पास दुनिया में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी इकाई है और हमें आगे काफी क्रिकेट खेलना है। हमें तुरंत ही पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू श्रृंखला खेलना है।श्रीलंका के लिए अच्छी खबर यही रही कि उसकी 'रन मशीन' तिलकरत्ने दिलशान को 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' चुना गया। हालाँकि वे बिना खाता खोले पैवेलियन लौटे। दिलशान ने कहा कि मैं पिछले छह महीने से शानदार फॉर्म में हूँ और मैंने अपनी टीम की तरफ से काफी रन बनाए हैं लेकिन फाइनल में नहीं चल पाया। शॉर्ट पिच गेंदों पर मैंने अच्छे पुल किए लेकिन आज ऐसा नहीं हो पाया।अपने ट्रेडमार्क स्कूप के बारे में उन्होंने कहा कि जब भी गेंदबाज शॉर्ट गेंद करता था तो मैं उसे आम तरह से स्कूप करने की कोशिश करता था लेकिन इससे मुझे चोट लगने लगी जिसके बाद मैंने नेट पर इसका जमकर अभ्यास करके इस शॉट को लगातार खेलने से पहले आत्मविश्वास हासिल किया।