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Written By ND

वास्तु शास्त्र से चमकते कैरियर के सितारे

Career in Vastu Shastra | वास्तु शास्त्र से चमकते कैरियर के सितारे
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वास्तु शास्त्र आज एक बेहतर करियर के तौर पर उभर कर सामने आ रहा है। खासतौर से इंटीरियर डिजाइनर अपने क्षेत्र को विस्तृत आयाम देने के लिए वास्तु शास्त्र सीख रहे हैं। इस क्षेत्र में खुलते विकल्पों की वजह से युवाओं की भागीदारी भी देखी जा रही है

घर-परिवार, पढ़ाई और यहां तक कि बिजनेस आदि में भी सकारात्मक ऊर्जा या अच्छा करने के लिए लोग इन दिनों वास्तु का इस्तेमाल करने लगे हैं। यह विधा इन दिनों काफी प्रचलित है। लोग अपना घर, आफिस, मॉल आदि बनवाते समय इंटीरियर डिजाइनर से तो सलाह-मशविरा लेते ही हैं, वास्तु शास्त्री की राय लेना भी नहीं भूलते। यही वजह है कि इन दिनों इस क्षेत्र में प्रवेश करने वालों की कमी नहीं है। लोग न सिर्फ इस विधा को शौकिया तौर पर सीख रहे हैं, बल्कि प्रोफेशनल तौर पर भी इसमें अपना करियर बनाने की चाहत रखते हैं।

कोर्स के विषय में
वास्तु शास्त्री नरेश सिंघल का कहना है कि वास्तु शास्त्र एक तरह से एन्वायरमेंटल साइंस है। इसके तहत विद्यार्थियों को ग्रैविटी फोर्स, कॉस्मिक एनर्जी आदि विषय पढ़ाए और समझाए जाते हैं। इसलिए अगर विद्यार्थी का बैकग्राउंड विज्ञान का रहा है तो बहुत अच्छा है। इस तरह वह वास्तु शास्त्र की बारीकियों को अच्छे से समझ सकता है। इस कोर्स के तहत मुख्य रूप से तीन तरह का वास्तु सिखाया जाता है : डोमेसिटक वास्तु, कमर्शियल वास्तु और इंडस्ट्रीयल वास्तु। इसके अलावा धार्मिक वास्तु भी इस विधा का एक प्रकार है।

पाठ्यक्रम की विधि
वास्तु शास्त्र में फिलहाल सर्टिफिकेट कोर्स ही कराए जाते हैं जिनमें तीन से चार महीने के कोर्स के अलावा एक साल का कोर्स भी कराया जाता है। इस विधा में हॉबी कोर्स भी कराए जाते हैं। वहीं रेगुलर कोर्स के अलावा आप इस विधा में पारंगत होने के लिए पत्राचार कोर्स भी कर सकते हैं।

योग्यता
इस विधा को सीखने के लिए आपका 12वीं पास होना जरूरी है। अगर आपके पास विज्ञान विषय रहा है तो सोने पे सुहागा। वरना, 10वीं तक विज्ञान की पढ़ाई करने वाला छात्र भी वास्तु शास्त्र सीख सकता है। यूं तो इस कोर्स को शौकिया तौर पर कई घरेलू महिलाएं भी सीखती हैं पर इंटीरियर डिजाइनर, आर्किटेक्ट, बिल्डर और सिविल इंजीनियर इस कोर्स को सीख कर अपनी योग्यता को एक नया डायमेंशन दे सकते हैं।

इसके अलावा वास्तु शास्त्र सीखने वाले के मन में इच्छा शक्ति होनी चाहिए। साथ ही पैसा कमाना है, यह सोच कर कभी भी यह कोर्स न करें।

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संभावनाएं
वास्तु शास्त्र विधा को सीखने के बाद आप बतौर कन्सलटेंट अपने घर से भी काम कर सकते हैं। अगर आपका अनुभव अच्छा है तो आपके कई अच्छे और बड़े इंडस्ट्रीयल और कमर्शियल क्लाइंट भी बन सकते हैं। इसके अलावा आप वास्तु शास्त्र के किसी इंस्टीट्यूट में पढ़ा भी सकते हैं।

यहां से करें कोर्स
- फ्यूचर प्वॉइंट, ओखला, नई दिल्ली
- इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक वास्तु विजन, पंजाबी बाग, नई दिल्ली