हाथी पर हुई सवार रंग-बिरंगी तितली हाथी बोला 'पीठ दर्द से हुई हालात मेरी पतली' तितली झल्लाकर बोली हमसे करो न ठिठोली क्या तुम लखनऊ से आए जो दिखाते नजाकत इतनी? बड़े-बड़े बोझ ढोते तब नहीं होती हालत पतली?
हाथी बोला 'बहुत प्यारा रंग रूप तुम्हारा, बड़ी अदा से तुम उड़ती दिल चाहता देखा करूँ तुम्हें तुम लगती मुझे बहुत अच्छी
पीठ पर जो बैठी तो देख नहीं पाऊँगा पीठ दर्द का बहाना चाही हमदर्दी थोड़ी सी।
तितली हँसकर बोली तो ये है असली बात भाई पर कुछ तो ख्याल किया होता कहाँ फूल सी मैं और कहाँ तुम्हारा बदन भारी।
पीठ पर नहीं, तो कभी-कभी सूण्ड पर बैठ जाऊँगी आँखों के सामने रहूँगी तब ठीक रहेगा न भाई
तितली के सुझाव से प्रसन्न हो गया हाथी। तितली भी खुश हो गई पाकर हाथी सा साथी।
लेखक परिचय
नाम- डॉ. एन.आर. पाण्डे 'विनोद' जन्म- 11 सितम्बर 1943 शिक्षा- एम.बी.बी.एस. (नागपुर), एम. डी. (रेडियोथेरपी) इन्दौर पुस्तक - कविता संग्रह 'किलकारी' प्रथम प्रयास लेखन- सामयिक समस्याओं पर लेखन व काव्यात्मक टिप्पणियाँ, कैंसर की जानकारी संबंधित लेख। अस्पताल संबंधित अनुभव का लेखन।