मंगलवार, 3 दिसंबर 2024
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Written By ND

चल दी

चल दी -
गफूर स्नेही

सरदी ।
धीरे-धीरे चल दी।
सूरज ने हवा में -
कितनी आग भर दी?
धूल उड़ने लगी।
छत जलने लगी।
नंगें पैरों मे सुइयाँ-
कई गड़ने लगीं।
सूखने लगे कुएँ-
दुबली हुई नदी।
सूरज ने....