दिल्ली की सेमीफाइनल में जगह पक्की
कांग्रेस ने दिल्ली में लोकसभा के लिए अपनी सीटों की संख्या में सुधार करते हुए सभी सातों सीटों पर कब्जा जमाया। इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 1971 तथा 1984 के लोकसभा चुनाव में ऐसा प्रदर्शन किया था। 1952
के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में चार लोकसभा सीट थी, जिसमें से कांग्रेस ने तीन सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि एक सीट पर कृषक मजदूर प्रजा पार्टी की उम्मीदवार सुचेता कृपलानी जीती थीं। दिल्ली में लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने वालीं कृपलानी पहली महिला उम्मीदवार थीं। इसके बाद 1957 और 1962 में कांग्रेस ने दिल्ली की सभी सीटों पर कब्जा कर लिया, जिसे चार से बढ़ा कर पाँच कर दिया गया था। इन सीटों में बाहरी दिल्ली, करोल बाग, चाँदनी चौक, सदर और नई दिल्ली शामिल है। सुचेता कृपलानी 1957 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में शामिल हो गईं और नई दिल्ली सीट से फिर से निर्वाचित हुई। वर्ष 1967 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में कांग्रेस केवल एक सीट जीतने में सफल रही, जबकि शेष छह पर भारतीय जनसंघ ने कब्जा जमाया, लेकिन 1971 के चुनाव में कांग्रेस दिल्ली की सभी सीटों पर विजयी रही, जहाँ सुभद्रा कुमारी चौहान एक मात्र महिला सांसद के रूप में चुनी गईं। छह वर्ष बाद 1977 में कांग्रेस दिल्ली की सभी सात सीटों पर पराजित हो गई और आपातकाल विरोधी लहर में जनता दल ने सभी सीटों पर कब्जा कर लिया। बहरहाल, 1980 में कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुए छह सीटों पर कब्जा कर लिया। 1984 में एक बार फिर कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा, जब इंदिरा गाँधी की हत्या से उपजी सहानुभूति की लहर में कांग्रेस ने सभी सात सीटों पर कब्जा किया। इसके पाँच वर्ष बाद कांग्रेस तीन सीटों पर विजयी रही, जबकि भाजपा ने चार सीटों पर कब्जा जमाया।वर्ष 1991 में कांग्रेस सदर और बाहरी दिल्ली केवल दो सीटों पर कब्जा करने में सफल रही, जबकि 1996 में भी कांग्रेस के प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं हुआ और पार्टी को केवल दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा, जबकि भाजपा पाँच सीटें जीतने में सफल रही।वर्ष 1998 में कांग्रेस का प्रदर्शन और भी खराब रहा, जब पार्टी केवल एक सीट जीतने में सफल रही। कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार करोलबाग से विजयी रहीं, जबकि शीला दीक्षित समेत कांग्रेस के अन्य उम्मीदवार पराजित हो गए। 1999 में भाजपा सभी सात सीटों पर कब्जा करने में सफल रही। ...
लेकिन 14वीं लोकसभा के लिए चुनाव में कांग्रेस छह सीटों पर कब्जा करने में सफल रही, जबकि भाजपा की ओर से वीके मलहोत्रा दक्षिण दिल्ली सीट से विजयी रहे।