स्टार क्रिकेटरों की भरमार के बावजूद खराब प्रदर्शन से जूझ रही टूर्नामेंट की निचले स्थान पर काबिज टीमें कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग के मुकाबले में ट्वेंटी-20 लीग में बने रहने की कवायद में जुटी होंगी।
दोनों टीमों में एक समानता है। टूर्नामेंट के दूसरे चरण में दोनों टीमों ने अपने पूर्व कप्तानों को हटा दिया और कप्तानी विदेशी क्रिकेटरों को सौंप दी, लेकिन न तो ब्रैंडन मैक्कुलम और न ही केविन पीटरसन अपनी टीमों के लिए चमत्कारी प्रदर्शन दिखा सके। कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स ने पाँच-पाँच मुकाबलों में अभी तक एक-एक मैच में जीत दर्ज की है।
पीटरसन की अगुवाई वाली बेंगलुरु पिछले साल नीचे से दूसरे स्थान पर रही थी और जिस तरह से उसके खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे हैं उसे देखते हुए लगता है कि वह इस बार भी निचले स्थान पर ही कायम रहेगी।
शराब व्यवसायी विजय माल्या की टीम ने शुरूआती मैच में गत विजेता राजस्थान रायल्स को शिकस्त दी लेकिन उसके बाद से किसी भी मैच में भाज्ञ ने टीम का साथ नहीं दिया। शानदार फॉर्म में चल रहे राहुल द्रविड़ के पितृत्व अवकाश पर जाने से बेंगलुरु की बल्लेबाजी और कमजोर हुई है।
जेसी राइडर और हरफनमौला जाक कैलिस के खराब फॉर्म ने टीम की चिंता और बढा दी है। कुल मिलाकर दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने निराश किया है। अनिल कुंबले को छोड़कर चैलेंजर्स के गेंदबाजों ने भी निराश किया है। प्रवीण कुमार और पंकजसिंह शुरुआती सफलता दिलाने में नाकाम रहे। वहीं कप्तान के तौर पर केविन पीटरसन भी प्रभावित नहीं कर पाए।
दूसरी ओर कोलकाता की टीम टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही से विवादों से घिरी है। कोच बुकानन की कई कप्तानों की थ्योरी सौरव गांगुली को कप्तानी से हटाया जाना और फिर रहस्यमयी ब्लागर ने शाहरुख खान के लिए एक के बाद एक मुश्किलें खड़ी कर दी।
नए कप्तान मैक्कुलम खिलाड़ियों को प्रेरित नहीं कर सके। आकाश चोपड़ा और संजय बांगड़ जैसे खराब प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाजों को टूर्नामेंट के बीच में वापिस भेजने का फैसला कइयों को रास नहीं आया।