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Written By भाषा

आईपीएल में कुछ का जलवा, कई फिसड्डी

आईपीएल में कुछ का जलवा, कई फिसड्डी -
इंडियन प्रीमियर लीग की टीमों के अंतिम एकादश में चार से अधिक विदेशी खिलाड़ियों को रखने की वकालत करने वाले कोलकाता नाइटराइडर्स के कोच जॉन बुकानन ने अपनी बात रखने से पहले शायद इन आँकड़ों पर ध्यान नहीं दिया कि इस बार शाहरुख खान के स्वामित्व वाली इस टीम की लुटिया डुबाने में विदेशी क्रिकेटरों की भी अहम भूमिका रही।

दक्षिण अफ्रीका में चल रहे इसके दूसरे आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स जैसी टीमें जहाँ विदेशी खिलाड़ियों के दम पर आगे बढ़ रही हैं, वहीं नाइटराइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और यहाँ तक कि चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ऐसी टीमें हैं, जिनके विदेशी खिलाड़ी अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं।

बुकानन ने कहा था कि अंतिम एकादश में पाँच विदेशी खिलाड़ी रखे जाने चाहिए लेकिन सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी कोलकाता की टीम की तरफ से उसके विदेशी खिलाड़ियों ने ऐसा कोई कमाल नहीं दिखाया, जिससे कोच प्रभावित हुए हों। कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम ने पहले नौ मैच में केवल 91 रन बनाए। क्रिस गेल जैसा धाकड़ बल्लेबाज सात मैच में 171 रन ही बना पाए जबकि मोएसिस हेनरिक बुरी तरह नाकाम रहे।

स्पिनरों ने इस आईपीएल में अपनी विशेष छाप छोड़ी है लेकिन श्रीलंकाई जादूगर अजंता मेंडिस ने जो दो मैच खेले, उनमें वह प्रभावहीन रहे। ऑस्ट्रेलियाई ब्रैड हॉज और दक्षिण अफ्रीकी मोर्ने वान वाइक का प्रदर्शन कुछ हद तक अपवाद कहा जा सकता है।

पिछले विजेता राजस्थान को इस बार शेन वॉटसन और सोहेल तनवीर की कमी खल रही है क्योंकि शेन वॉर्न और ग्रीम स्मिथ जैसे दिग्गज क्रिकेटर अभी तक अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। इनके अलावा ली कार्सेलडाइन, राब क्वीनी, दिमित्री मास्करेन्हास, शेन हारवुड, मोर्ने मोर्कल, हैंडरसन भी प्रभावित करने में असफल रहे।

चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से मैथ्यू हेडन अकेले सभी खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहे हैं लेकिन उनके अलावा अन्य विदेशी क्रिकेटर खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। हेडन ने अभी तक 425 रन बनाए हैं और वह सर्वाधिक रन बनाकर ओरेंज कैप पर कब्जा जमाए हुए हैं लेकिन एंड्रयू फ्लिंटॉफ, जैकब ओरम, एल्बी मोर्कल जैसे ऑलराउंडरों के असफल रहने से टीम को उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरना पड़ा।

यहाँ तक कि मुथैया मुरलीधरन जैसे चोटी के स्पिनर पर शादाब जकाती जैसा तमिलनाडु का अनजान स्पिनर हावी हो गया है। मुरली ने अब तक आठ मैच में नौ विकेट लिए हैं जबकि जकाती के नाम पर पाँच मैच में 11 विकेट दर्ज हैं।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की तरफ से जैक्स कैलिस लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और यही वजह रही कि उन्हें केविन पीटरसन की जगह कप्तान नहीं बनाया गया। पीटरसन ने जो छह मैच खेले, उसमें उनके नाम पर केवल 93 रन दर्ज थे। मार्क बाउचर ने छह में से दो मैच में अच्छा खेल दिखाया है लेकिन जेसी राइडर रोस टेलर वान डर मर्व डु यू प्रीज डेल स्टीन ने भारत के कम अनुभवी खिलाड़ियों से भी लचर प्रदर्शन किया।

दिल्ली डेयरडेविल्स मुंबई इंडियन्स किंग्स इलेवन पंजाब और डेक्कन चार्जर्स के लिये विदेशी खिलाड़ियों ने जरूर अच्छा प्रदर्शन किया है। असल में यदि ये टीमें अंक तालिका में बेहतर स्थिति में हैं तो उसका श्रेय विदेशी खिलाड़ियों को जाता है।

डेयरडेविल्स की तरफ से वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर अपना कमाल नहीं दिखा पाए हैं लेकिन एबी डिविलियर्स (271) और तिलकरत्ने दिलशान (249.) ने उनकी कमी नहीं खलने दी। यही नहीं, सहवाग के चोटिल होने के बाद डेविड वार्नर (144) ने भी बेहतरीन खेल दिखाया तथा जबकि तेज गेंदबाज डर्क नानेस और स्पिनर डेनियल विटोरी ने गेंदबाजी विभाग बखूबी संभाला।

मुंबई के लिए यदि जेपी डुमिनी अच्छी पारियाँ नहीं खेलते तो टीम बुरी स्थिति में होती। इस दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ने पहले नौ मैच में 249 रन बनाए हैं। उनके अलावा सनथ जयसूर्या और ड्वेन ब्रावो ने भी अपने ऑलराउंड कौशल का अच्छा नमूना पेश किया है जबकि लसित मलिंगा ने गेंदबाजी विभाग की कुशलता से अगुवाई की है।

रवि बोपारा ने इंग्लैंड लौटने से पहले पंजाब के लिए मैच विजेता पारियाँ खेली जबकि श्रीलंका के महेला जयवर्धने उसके श्रीमान भरोसेमंद बने हुए हैं। कुमार संगकारा और साइमन कैटिच ने भी अच्छी बल्लेबाजी की तो यूसुफ अब्दुल्ला ने ब्रेट ली की अनुपस्थिति में शानदार गेंदबाजी करके नौ मैच में 14 विकेट लिए।

डेक्कन चार्जर्स के लिए कप्तान एडम गिलक्रिस्ट हर्शल गिब्स ड्वेन स्मिथ और फिदेल एडवर्ड्स ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया जबकि एंड्रयू साइमंड्स ने धमाकेदार शुरुआत करके अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई।