• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. साहित्य
  4. »
  5. काव्य-संसार
Written By WD

याद ही उम्मीदों का सिरहाना है

याद ही उम्मीदों का सिरहाना है -
विनय मिश्र
WDWD
अगर है ज़िंदगी तो ज़िंदगी बोलती जाए
उदासी और तन्हाई में कोई गीत तो गाए

ख़्याली आँच पर रक्खी हुई वो केतली खोलो
कि जिससे भाप के परचम उड़ें, माहौल गरमाए

मुझे मु्स्कान के बदले मिलीं आँसू की सौगातें
मेरे दिल ने ये चाहा था कहीं से रोशनी आए

कहाँ मज़बूतियों का शोर था बाज़ार से घर तक
कहाँ कमज़ोरियाँ इतनी कि सन्नाटा भी गिर जाए

न आई नींद तो फिर कैसे आते उसकी बातों में
दिखाने को तो रातों ने भी अवसर ख़ूब दिखलाए

हवा के ज़ोर के आगे बहुत चंचल है पानी भी
कभी मौसम का रुख देखे, कभी लहरों में आ जाए।

तुम्हारी याद ही अपनी उम्मीदों का सिरहाना है
सँभाला है इसी ने जब भी दिल के जख़्म गहराए

साभार : संबोधन