शशकासन करने के लिए दोनों घुटने मोड़कर जमीन पर आसन बिछाकर बैठे और पैरों के पंजों को फैलाते हुए एड़ियों को बाहर की तरफ झुकाते हुए पुट्ठों को रखकर बैठे इसे व्रजासन कहते हैं। इसके उपरांत दोनों हाथों को ऊपर उठाकर सामने झुके और दोनों हाथों को जमीन पर फैलाएँ ताकि कोहनियाँ सीधी रहें। नाक या माथा जमीन पर बिना पुट्ठे उठाए लगाने की चेष्टा करें। 20-25 श्वास-प्रश्वास होने तक इस आसन की स्थिति में रुके फिर ऊपर उठे, एक बार इसे दोहराएँ।
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