मूड फ्लक्चुएशन : कैसे निपटें इस समस्या से
-शैलेन्द्र सिंह
क्या बारिश के मौसम में गुजर रही सुहानी शाम आपका मूड खराब कर देती है? क्या आप दिवाली और होली जैसे त्योहारों पर बिना किसी वजह निराशा से घिरे रहते हैं? जब आपके दोस्त बहुत ज्यादा खुश होते हैं तब आप दुःखी होते हैं? कोई बात नहीं, ज्यादा परेशान न हों। हालांकि यह थोड़ा हैरान और काफी परेशान करने वाली बात है। जब आपको खुश होना चाहिए, दूसरों की तरह चहकना चाहिए उस वक्त आप अपने अकेलेपन का शिकार होते हैं। मौज-मजा करने के बजाए अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं। त्योहार, छुट्टियां और तो और बदलता मौसम भी कई बार मूड खराब करने का कारण होता है। अपने ऐसे रुख को लेकर कई बार हम खुद हैरान रहते हैं और मूड ऑफ होने की वजह जान पाने में असमर्थ होते हैं। बहरहाल, परेशान होने के बजाए इन स्थितियों को पार करने की कोशिश करें। जब मूड बदले मौसम के साथ मौसम बहुत खूबसूरत है, बावजूद इसके आपका मूड डाउन है। इसका मतलब है कि आप 'सेड' नामक समस्या से ग्रस्त है। 'सैड' यानी 'सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर।' खासकर मानसून व सर्दियों के दिनों में अक्सर सैडग्रस्त लोग ज्यादा देखने को मिलते हैं। हालांकि कुछ लोग गर्मियों में भी इसका शिकार होते हैं, मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि बदलते मौसम को कई बार हममें से कई लोग आसानी से स्वीकार नहीं कर पाते जिसका नतीजा 'सैड' के रूप में सामने आता है। 'सैड' के शिकार लोगों को निद्रा की कमी, कमजोर इम्यून सिस्टम आदि का सामना करना पड़ता है।इससे जूझने का तरीका मौसम हमारे अनुकूल नहीं बदलता बल्कि हमें मौसम के अनुकूल बदलना होता है। इससे लड़ने का कोई उपाय नहीं है। सो, बेहतर है हम जल्द से जल्द परिस्थितियों को स्वीकार कर लें। इस दौरान जब कुछ भी अच्छा न लग रहा हो, तो अपने मन को किसी न किसी काम में व्यस्त रखें। खासकर अच्छे कामों में। मसलन पार्टी करें, आउटिंग पर जाएं। अगर इन सबके बावजूद मूड अच्छा न हो रहा तो अपने कमरे की सजावट बदल दें। चमक भरे रंग से कमरों को रंगें। इससे मूड में परिवर्तन होता है। बगीचे में लेटें यकीनन यह तरीका आपका मूड बदलेगा।
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