नरेन्द्र मोदी के लिए परीक्षा का दिन
-
जनकसिंह झालागुजरात में मंगलवार के दिन प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है और सभी मतदाता मन में अपने भावी नेता की तस्वीर लेकर चुनाव बूथ पर पहुँचने लगे हैं। आज का दिन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए कड़ी परीक्षा का दिन है क्योंकि आज जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें ज्यादातर मोदी से नाराज लोगों के क्षेत्र हैं।मतदान की गति जरूर थोड़ी धीमी है, लेकिन वक्त गुजरने के साथ इसमें तेजी से इजाफा होगा। गुजरात के 1.78 करोड मतदाता मंगलवार के दिन 87 सीटों के लिए 669 प्रत्याशियों के 'भाग्य' को मतपेटी में बंद करेंगे। आखिर कैसी रहेगी यह चुनावी जंग? सही मायने में देखा जाए तो यह चुनावी जंग काफी रोचक रहेगी क्योंकि भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत मतदान के ठीक एक दिन पहले लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करने का ऐलान कर दिया था। भाजपा के दिग्गज वयोवुद्ध नेता अटलबिहारी वाजपेयी के घुटनों का दर्द अचानक बढ़ गया और उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूर रहने का फैसला करके आडवाणी के प्रधानमंत्री पद की दौड़ को और आसान बना दिया। भाजपा की रणनीति पहले से ही तय थी और आडवाणी के बारे में बात करने से पहले हम चर्चा करें गुजरात विधानसभा चुनाव की। सौराष्ट्र में केशुबापा (केशुभाई पटेल) सीधे आमने-सामने की लड़ाई मूड में आ गए हैं। उन्होंने बाकायदा अखबारों में विज्ञापन के जरिए जनता को सत्ता परिवर्तन के लिए अपील की है। भाजपा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई अब लोगों को भाजपा के बदले कांग्रेस को मतदान करने का कह रहे है। केशू की इस अपील में कितना दम है, यह तो समय ही बताएगा। बहरहाल, गुजरात विधानसभा के पहले चरण के मतदान की कुल 87 सीटों में से भाजपा ने 87, कांग्रेस ने 81, बसपा ने 80 और एनसीपी ने 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। बागियों का गढ़ कहे जाने वाले सूरत में सबसे ज्यादा 40.14 लाख मतदाता हैं। देखा जाए तो सूरत में मोदी का आज कड़ा इम्तिहान है क्योंकि काशीराम राणा और पटेल समुदाय उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। 87 सीटो में से सूरत की ही सिर्फ 14 सीटे हैं। सबसे कम (1 सीट) डांग जिले की है और यहाँ पर 1.99 लाख मतदाता हैं। 53 महिलाएँ भी चुनावी जंग मे शामिल हुई हैं, जिनमे 14 भाजपा की और 8 कांग्रेस से हैं। सुबह-सुबह मोदी सरकार में वित्तमंत्री वजुभाई वाला ने राजकोट में अपना मतदान किया। मतदान के बाद उन्होंने कहा कि केशुभाई की अपील का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि आज का मतदाता परिपक्व है और उसमें सही-गलत का फैसला लेने की पूरी क्षमता है। वजुभाई के अनुसार सौराष्ट्र में भाजपा की अच्छी स्थिति है और 58 में से 56 सीटें मिलने की उम्मीद है। दूसरी तरफ बागी नेता वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि वर्तमान सरकार के नेता कुछ भी कहें लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस बार गुजरात में परिवर्तन आएगा और नई सरकार बनकर ही रहेगी।