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Written By WD

अपने काम के प्रति रखें पॉजिटिव ऐटिट्यूड

- स्वप्ना कुमार

Positive Attitude | अपने काम के प्रति रखें पॉजिटिव ऐटिट्यूड
ND
रुख, रवैया अंग्रेजी में जिसे ऐटिट्यूड कहा जाता है। आखिर है क्या यह ऐटिट्यूड? अक्सर ऐटिट्यूड को नकारात्मक अंदाज में ही देखा जाता है। मसलन अगर कोई अकड़ू है, ‍कम बात करता है या सिर्फ अपने काम से ही मतलब रखता है तो लोग कहते हैं कि उसमें ऐटिट्यूड है। सही मायने में ऐसा नहीं है, अगर डिक्शनरी में ऐटिट्यूड की परिभाषा देखें तो हम पाएंगे कि जिंदगी के प्रति देखने का एक जरिया है ऐटिट्यूड। सोचने, समझने और बर्ताव करने का तरीका है ऐटिट्यूड।

अच्छे-बुरे के आधार पर ही ऐटिट्यूड दो तरह का होता है सकारात्मक और नकारात्मक। अत: ऐटिट्यूड को सिर्फ नकारात्मकता के लिए समझना सही नहीं है।

किसी भी काम की सफलता के पीछे हमारी सोच, उस काम के प्रति हमारे रवैये पर ही निर्भर करती है। या यूं कहें कि हमारे ऐटिट्यूड पर ही निर्भर करती है। हम उस काम को किस नजरिए से देखते हैं यही बात हमारी सफलता-असफलता का कारण होती है। ठीक इसी तरह अपने अच्छे करियर के लिए जरूरी है कि हम उसकी शुरुआत के समय उसके प्रति अपने रुख को निर्धारित करें।

सिर्फ अपना करियर प्लान कर लेना ही सब-कुछ नहीं है। ‍करियर प्लान के साथ अगर हम उसके प्रति अपने सकारात्मक रवैये को नहीं अपनाते हैं तब यह गलती हमारे ‍करियर प्लान को क्षीण बना देगी और हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे। किसी भी करियर में सफलता अर्जित करने के लिए जरूरी है कि हम उसके प्रति सकारात्मक रुख के महत्व को समझें।

अपने काम के लिए आप ऐटिट्यूड के रूप में अपने आदर्शों को निर्धारित कर सकते हैं जो लक्ष्य पाने के लिए हमेशा आपका मार्गदर्शन करते रहें। आप नीचे दिए तीन आदर्शों को करियर के प्रति अपने ऐटिट्यूड के रूप में निर्धारित कर सकते हैं।

1. गर्व (प्राइड)
हालांकि यह एक बड़ा ह‍ी जटिल शब्द है, लेकिन इसे अहंकार के रूप में न लेते हुए अपने आत्म सम्मान के रूप में लिया जाना चाहिए। तभी आप अपने काम को नाज करने लायक बना पाएंगे। वैसे भी गर्व और घमंड के बीच बहुत महीन पर्त है।

2 उत्साह (पैशन)
किसी भी करियर को महज थोड़ी सी इच्छा के कारण स्वीकारना अक्लमंदी का काम नहीं है। ऐसा करने से आगे मुश्किल दौर में आप उस करियर में अपने आप को साबित नहीं कर पाएंगे और न ही आपकी पदोन्नति हो पाएंगी। करियर में आगे और आगे जाने के लिए जरूरी है उसके प्रति प्रबल इच्छा, रूचि। अपने काम के प्रति आपकी दीवानगी, आपका पैशन ही आपको उस क्षेत्र में असीम सफलता दिला सकता है। इससे काम के प्रति आपका उत्साह पूरे समय बना रहेगा।

3 प्रबल विश्वास (बिलीफ)
काम के प्रति इस दीवानगी के लिए जरूरी है खुद पर यकीन और आपकी गहरी आस्था। अगर जीवन में आपने कुछ मानक तय किए हैं और आपको अपनी सफलता का विश्वास है तो फिर आप अपने लक्ष्य की ओर जोश और जुनून के साथ बढ़ेंगे। आपको अपने आप पर पूरा विश्वास रखना होगा कि आप यह काम बखूबी कर सकते हैं और आपमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आपकी यही सोच आपको उस लक्ष्य तक पहुंचाएगी जिसका ख्वाब आपने देखा है।

तो बस अपने ऐटिट्यूड में अपनाइए इन तीन आदर्शों को और देखिए अपनी सफलता की उड़ान।