नास्त्रेदमस की अचूक भविष्यवाणियां
nostradamus फ्रांस में 14 दिसंबर, 1503 को जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तक में 12 सेंचुरिज यानी बारह सौ चतुष्पदियां लिखी हैं। उनमें से अब मात्र 955 अस्तित्व में हैं। इनमें से लगभग 3 हजार भविष्य कथनों का वर्णन है। गत 44 वर्षों में उनकी 800 भविष्यवाणियां सत्य की कसौटी पर सही उतरी हैं।सेंचुरीज में सन् 3797 तक के समयकाल की भविष्यवाणियां की गई हैं। फ्रांस के मेस बाबहम ने 4 मई 1555 को फ्रांसीसी भाषा में नास्त्रेदमस की पुस्तक का प्रकाशन किया था। पुस्तक की प्रकाशन पूर्व इतनी ख्याति हो चुकी थी कि प्रकाशन दिनांक को लंबी कतारें उसके खरीददारों की लगी थीं और पुस्तक का प्रथम संस्करण एक ही दिन में समाप्त हो गया था।
नास्त्रेदमस ने अपनी सेंचुरीज के बारे में बताते हुए लिखा था, जो कुछ मैं कह रहा हूं, आने वाला समय बताएगा कि मैं सही था। मैंने जनहित में अपने भविष्य कथनों को उलझे हुए वाक्यों में लिखा है, जिससे प्रभु इच्छा होने पर लोगों को समझ में आ जाए। मैंने यह दैवी प्रेरणा से प्राप्त किया है। विश्व अनेक त्रासदियों को झेलने वाला है, जैसा कि मैंने अपनी भविष्यवाणियों में स्थान एवं समय को गुप्त रखकर प्रतीकों के द्वारा स्पष्ट किया है। सन् 1566 में नास्त्रेदमस की मृत्यु हुई थी।(1)
फ्रांस की राज्य क्रांति : सन् 1789 की राज्य क्रांति का संकेत करते हुए सेंचुरी 1, चतुष्दी 14 में बताया गया है- 'आम व्यक्तियों द्वारा राजकुमारी एवं राजपरिवार के सदस्य बंदी बनाए जाएंगे किंतु बंदी बनाने वाले मूर्खों के शिरोच्छेद किए जाएंगे और उसके पश्चात विद्रोही राजपरिवार एवं अभिजात्य लोगों को एक-एक कर मारेंगे।''
अर्थव्यवथा बिगड़ेगी, जनता राजा का विरोध करेगी। शांति स्थापना के प्रयत्न होंगे। पवित्र कानूनों की समाप्ति होगी, पेरिस का यह संकटपूर्ण दौर अकल्पित होगा।' (से. 4, चतु. 23)।
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सम्राट लुई सोलहवें के बारे में : 'सिर धड़ से अलग हो जाएगा।' (से. 1, चतु. 57)।(3)
नेपोलियन के बारे में : एक फ्रांसीसी, जिसने साम्राज्य युद्ध करके जीता है, अपने बहनोई द्वारा धोखा खाएगा। (से. 10, चतु. 34)।'
फ्रांस में ऐसा शासक होगा, जिसका नाम पूर्ववर्ती शासकों से अलग होगा। उसके मारे सभी थर्राएंगे। विदेशी महिला की ओर वह मोहित होगा।' (से. 4, चतु. 54)।'
महान साम्राज्य छिन्न-भिन्न होगा, फिर बढ़ेगा और फिर सिमटकर सीमित हो जाएगा।' (से. 1, चतु. 32)।सन् 1789 की राज्य क्रांति में सम्राट लुई सोलहवें के परिवार को मौत के घाट उतार दिया गया था। सम्राट का भी सिर काट दिया गया था। अर्थव्यवस्था बिगड़ी थी और जनता ने विद्रोह कर किया था। मारकाट का अकल्पित दौर पेरिस में चला था जिसका नाम लुईयों से अलग था, सत्ता में आया। वह राज्य क्रांति कराके युद्ध में जीता और अपना दबदबा कायम किया। सन् 1814 में नेपोलियन की राज्य सीमा बहुत कम हो गई थी, फिर उसने प्रयास करके उसे बढ़ाया। सौ दिनों तक ऐसी स्थिति बनी रही। नास्त्रेदमस के अनुसार 'ग्रीस, इटली आदि भी इस युद्ध में सम्मिलित होंगे और लोग अपना राजकुमार बदलेंगे और यह महायुद्ध सात माह तक चलेगा।