वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा हो आपका पूजा घर
पूजा घर और उसका वास्तु
हर घर में पूजा घर तो होते ही हैं। पूजा घर बनाते समय अधिकांश लोग कुछ बातों पर ध्यान नहीं देते। यदि पूजा घर भी वास्तु के नियमों के अनुसार बनाया जाए तो बेहतर होता है।वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर की दिशा, उसकी जगह, किस धातु से बना है मंदिर आदि.. और भी कुछ नियम होते हैं। जो वास्तु के अनुसार बने घर में हमें सुख, समृद्धि एवं मनचाहे धन की प्राप्ति होती है। इसीलिए आजकल लोग वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बनवाना ज्यादा पसंद करते हैं। * पूजा घर के पूर्व या पश्चिम दिशा में देवताओं की मूर्तियां होनी चाहिए।* पूजा घर में रखी मूर्तियों का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। * देवताओं की दृष्टि एक-दूसरे पर नहीं पड़नी चाहिए।
* पूजा घर के खिड़की व दरवाजे पश्चिम दिशा में न होकर उत्तर या पूर्व दिशा में होने चाहिए। * पूजा घर के दरवाजे के सामने देवता की मूर्ति रखनी चाहिए।* पूजा घर में बनाया गया दरवाजा लकड़ी का नहीं होना चाहिए।* घर के पूजा घर में गुंबज, कलश इत्यादि नहीं बनाने चाहिए।* वास्तु के अनुसार जिस जगह भगवान का वास रहता है, उस दिशा में शौचालय, स्टोर इत्यादि नहीं बनाए जाने चाहिए। * पूजा घर के ऊपर या नीचे भी शौचालय नहीं बनाना चाहिए।* वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम में पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।* पूजा घर के लिए प्राय: हल्के पीले रंग को शुभ माना जाता है, अतः दीवारों पर हल्का पीला रंग किया जा सकता है। * फर्श हल्के पीले या सफेद रंग के पत्थर का होना चाहिए। इन कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर पूजा घर बनाया जाना चाहिए। जो हमें सुख-समृद्धि के साथ-साथ हमारे जीवन को खुशहाल और हमें हर तरह से संपन्न बनाते है।