गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. आईना 2016
  4. Year 2016, Session of Parliament, Central government, Notbandi, Black money
Written By
Last Modified: शनिवार, 24 दिसंबर 2016 (18:14 IST)

साल 2016 : बजट-मानसून सत्र में भरपूर काम, शीतकालीन रहा नोटबंदी के नाम

साल 2016 : बजट-मानसून सत्र में भरपूर काम, शीतकालीन रहा नोटबंदी के नाम - Year 2016, Session of Parliament, Central government, Notbandi, Black money
नई दिल्ली। इस वर्ष संसद के बजट और मानसून सत्र में जहां दोनों सदनों ने अधिक समय तक कामकाज किया और बहुप्रतीक्षित जीएसटी संबंधित संविधान संशोधन विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में सफलता मिली वहीं शीतकालीन सत्र नोटबंदी पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध तथा हंगामे की भेंट चढ़ गया।
एक माह तक चले और गत 16 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुए संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर गतिरोध के कारण विशेष विधायी कामकाज नहीं होने पर दोनों सदनों में आसन की ओर से चिंता जताई गई। हालांकि कालेधन को सफेद में बदलने से संबंधित आयकर संशोधन विधेयक को लोकसभा में बिना चर्चा के, हंगामे के बीच पारित करा लिया गया।
 
लोकसभा में वर्ष 2016.17 के अनुदान की अनुपूरक मांगों और वर्ष 2013.14 के अनुदान की अतिरिक्त मांगों को भी मंजूरी मिली और संबंधित विनियोग विधेयक पारित हुए।
 
बहरहाल, दोनों सदनों ने दिव्यांगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया और सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में पारित होने के साथ नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधएक को संसद की मंजूरी मिल गई। विधेयक में दिव्यांगों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम 5 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
 
सत्र के दौरान नोटबंदी के मुद्दे पर बने गतिरोध से कामकाज बाधित होने पर चिंता जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इससे जनता में हमारी छवि धूमिल होती है। वहीं राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने व्यवधान पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों से आत्मविश्लेषण का आहवान किया।
 
सत्र के पहले दिन 16 नवंबर को नोटबंदी पर जहां राज्यसभा में एक दिन चर्चा हुई तथा अधूरी रही, वहीं लोकसभा में इस पर चर्चा ही नहीं हो सकी। लोकसभा में विपक्ष इस बात पर जोर दे रहा था कि नोटबंदी पर चर्चा मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत की जानी चाहिए। राज्यसभा में विपक्ष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री की उपस्थिति की मांग को लेकर अड़ गया जिससे चर्चा पूरी नहीं हो सकी। पूरा सत्र सरकार और विपक्षी दलों के नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के बीच लगभग बेकार चला गया।
 
शीतकालीन सत्र में हुई 21 बैठकों में जहां मात्र 19 घंटे कार्यवाही हुई और व्यवधान के कारण करीब 92 घंटे का समय नष्ट हुआ, वहीं राज्यसभा में 22 से अधिक घंटे काम हुआ और 86 से अधिक घंटे का समय हंगामे के कारण नष्ट हो गया। इसके विपरीत संसद के बजट सत्र में काफी कामकाज बिना रकावट के होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने खुशी जताई थी। सोलहवीं लोकसभा के इस आठवें सत्र की शुरुआत 25 अप्रैल को हुई थी। 
 
इससे पहले 7वें सत्र के दौरान 26 फरवरी को रेल बजट पेश किया गया था। 29 फरवरी को सामान्य बजट पेश किया गया। इसके साथ ही वित्त विधेयक भी पेश किया गया। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने वर्ष 2016-17 के लिए पेश किए रेल बजट में यात्री किराए और माल भाड़े में बढ़ोतरी नहीं की। उन्होंने रेलवे की मजबूती और विस्तार तथा सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया।
 
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में जहां एक तरफ छोटे आयकरदाताओं को 6,600 करोड़ रुपए की राहत दी वहीं अति धनाढ्य व्यक्तियों पर अधिभार तीन प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया। साथ ही संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन पर जोर के साथ कृषि संकट के समाधान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 1.77 लाख करोड़ रुपए के खर्च का भी प्रस्ताव किया। आम बजट से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा था कि यह उनकी परीक्षा है।
 
बजट सत्र की शुरुआत में संसद में हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या का मुद्दा उठा और एक समय ऐसी स्थिति भी आई जब उच्च सदन में बसपा प्रमुख मायावती और तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बीच जम कर तकरार हुई।
 
संसद ने 16 मार्च को आधार के जरिए कल्याण योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाने वाले आधार विधेयक को मंजूरी दे दी। इसी दिन लोकसभा में पठानकोट जैसे आतंकी हमलों को 'देश के खिलाफ युद्ध' करार देते हुए सरकार ने कहा कि भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए देश के सभी सुरक्षा प्रतिष्ठानों की 'सुरक्षा ऑडिट' की गई है और ऐसे संवेदनशील मुद्दों को राजनीतिक मुद्दा एवं बहस का विषय बनाना देश की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है।
 
तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों पर एक कंपनी के नकली अधिकारियों से नोटों की गड्डी लेने के आरोपों के संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ने 16 मार्च को सदन में घोषणा की कि तृणमूल सांसदों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के मामले में जांच लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली लोकसभा की आचार समिति करेगी।
 
सत्र के दौरान ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव के तहत अगस्तावेस्टलैंड विषय पर सदस्यों ने अपनी बात रखी और मंत्री ने स्पष्टीकरण दिया। इसके अलावा सूखे और पेयजल संकट से उत्पन्न स्थिति एवं नदियों को जोड़ने के विषय पर चर्चा पूरी हुई और मंत्रियों ने स्थिति भी स्पष्ट की। संसद के 25 अप्रैल से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में वित्त विधेयक तथा दिवाला संबंधी विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।
 
इस सत्र में जहां लोकसभा ने 14 घंटे वहीं राज्यसभा ने 10 घंटे अधिक काम किया। किंतु दोनों सदनों में उत्तराखंड में राजनीतिक संकट, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार, जीएसपीसी की केजी बेसिन परियोजना को लेकर कैग की रिपोर्ट सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामा हुआ।
 
हंगामे के कारण राज्यसभा में 19 घंटे काम बाधित रहा। हालांकि कई सत्रों के बाद लोकसभा में पहली बार ऐसा हुआ कि हंगामे के कारण किसी भी दिन पूरे समय के लिए सदन की बैठक स्थगित नहीं की गई।
 
उच्च सदन में इस सत्र के दौरान वित्त विधेयक एवं रेलवे की अनूपुरक मांगों को चर्चा करने के बाद लोकसभा को लौटाया गया। इसके अलावा संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश संशोधन विधेयक, खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक, यान अपहरण निरोधक विधेयक, राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय विधेयक, दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता विधेयक सहित कुल 12 विधेयकों को चर्चा कर पारित किया गया या लौटाया गया।
 
ऋण वसूली कानून एवं प्रकीर्ण उपबंध संशोधन विधेयक को दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि आमतौर पर बजट सत्र दो चरणों में होता है। किंतु इस बार दो चरणों के बीच अवकाश के दौरान ही सरकार द्वारा बजट सत्र का सत्रावसान किए जाने के कारण उसका दूसरा चरण नही हो पाया। इस वजह से 25 अप्रैल से संसद का नया सत्र आहूत किया गया था।
 
संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के सहयोग के चलते सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संबंधी संविधान के 122वें संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से राज्यसभा में पारित कराने में सफलता मिली। सत्र के दौरान दोनों सदनों में पारित अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों में भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक 2016, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2016, बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016, बेनामी लेनदेन रोकथाम विधेयक 2015 और ऋण वसूल से संबंधित संशोधन विधेयक शामिल थे।
 
दोनों सदनों में जम्मू-कश्मीर के ताजा घटनाक्रमों पर अलग-अलग चर्चा हुई जिनका जवाब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया। दोनों ही सदनों ने कश्मीर की मौजूदा स्थिति के संबंध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य में समाज के हर वर्ग से शांति एवं सौहाद्र्र जल्द स्थापित करने के लिए गंभीरता से काम करने और लोगों विशेषकर युवाओं में विश्वास बहाली की प्रतिबद्धता जताई। (भाषा)
ये भी पढ़ें
साल 2016 : आतंकी हमलों से सुर्खियों में रहा पंजाब