नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इस साल 'प्रोग्रेस पंचायत' जैसी अनोखी पहल की तो 'नई रोशनी', 'उस्ताद', 'नई मंजिल' जैसी कई योजनाओं के विस्तार और इनके लाभ के दायरे को बढ़ाने पर भी जोर दिया। इस साल मंत्रालय से नजमा हेपतुल्ला की विदाई हुई और मुख्तार अब्बास नकवी ने मंत्रालय का पूर्ण दायित्व संभाला।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और कैशलेस योजना सरीखे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी कदमों से तालमेल बिठाते हुए अल्पसंख्यकों तक इनके फायदे पहुंचाने की कोशिश की और इस संदर्भ में महत्वपूर्ण पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों में 'कैशलेस चौपाल' का आयोजन किया।
नकवी ने बातचीत में कहा कि समाज के सभी वर्गों का विकास करने, उन्हें आगे बढ़ाने तथा उनमें विश्वास पैदा करने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। अल्पसंख्यकों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तीकरण की दिशा में हमने विभिन्न कार्यों को कागज और कम्प्यूटर से उतारकर जमीन पर अमल में लाने का वादा पूरा किया है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रोग्रेस पंचायत, हुनर हाट, कैशलेस चौपाल, अल्पसंख्यकों के लिए रोजगार मेला के तौर पर मंत्रालय ने महत्वपूर्ण पहलें की हैं। अब तक विदेश मंत्रालय के अधीन काम कर रही भारतीय हज कमेटी को साल 2016 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत लाया गया।
इस साल फरवरी में आम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए 3,827.25 करोड़ रुपए आवंटित किए, जो इससे पहले के वित्त वर्ष के मुकाबले 89.25 करोड़ रुपए ज्यादा थे।
मंत्रालय में इस साल मंत्री से लेकर सचिव स्तर तक के बदलाव देखने को मिले। 26 नवंबर 2014 को मोदी सरकार बनने के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री का जिम्मा संभाल रहीं नजमा ने इस वर्ष 12 जुलाई को इस्तीफा दे दिया और उनके स्थान पर मुख्तार अब्बास नकवी ने बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।
मंत्रालय में सचिव स्तर पर भी बदलाव हुआ। 1981 बैच के आईएएस अधिकारी एमेसिंग लुइकहाम ने बीते 2 दिसंबर को सचिव का पदभार संभाला। इससे पहले राकेश गर्ग इस भूमिका का निर्वहन कर रहे थे, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हो गए। मोदी सरकार में मंत्रियों की 75 वर्ष की अधिकतम आयुसीमा के चलते नजमा मंत्री पद से विदा हुईं और अगस्त महीने में उनको मणिपुर का राज्यपाल बना दिया गया।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का पूर्ण दायित्व संभालने के बाद नकवी ने पहले से चल रही कई योजनाओं को विस्तार देने, अल्पसंख्यक इलाकों तक सरकार की पहुंच बढ़ाने सहित कई नए कदमों की शुरुआत की। मंत्रालय ने इस साल सितंबर महीने में 'प्रोग्रेस पंचायत' की शुरुआत की जिसका मकसद सरकार की योजनाओं को लेकर अल्पसंख्यकों को जागरूक बनाना और सरकार एवं लोगों के बीच की दूरी को पाटना है।
नकवी ने बीते 29 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुस्लिम बहुल इलाके मेवात में एक 'प्रोग्रेस पंचायत' की। देशभर में कुल 500 'प्रोग्रेस पंचायतों' का आयोजन हो रहा है। इस साल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के कार्यक्षेत्र में और इजाफा हुआ, जब हज से जुड़े मामले को भी इसके तहत लाया गया। पहले हज का मामला और भारतीय हज कमेटी विदेश मंत्रालय के अधीनस्थ थे। नकवी ने दिसंबर महीने में हज कमेटी की नई वेबसाइट की शुरुआत भी की।
मंत्रालय ने इस साल किसी बड़ी परियोजना की शुरुआत नहीं की, बल्कि पहले से चल रही योजनाओं और कार्यक्रम को विस्तार देने का काम किया। नकवी ने एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार नई योजनाओं को शुरू करने की बजाय पहले से चल रहीं योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और इसके लाभ का दायरा बढ़ाने का प्रयास कर रही है। मंत्रालय ने 'उस्ताद', 'नई मंजिल', 'नई रोशनी' और 'सीखो और कमाओ' योजनाओं को लेकर जागरूकता का प्रसार करने और इनका दायरा बढ़ाने पर जोर दिया।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बीते 15 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 'हुनर हाट' का भी आयोजन किया जिसमें देशभर के अल्पसंख्यक समुदायों के कारीगरों और हुनर के उस्तादों की कृतियों को लोगों के लिए पेश किया गया। 'हुनर हाट' के उद्घाटन के मौके पर नकवी ने 'उस्ताद' योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस्ताद योजना का लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदायों की पारंपरिक कला एवं शिल्प की समृद्ध विरासत का संरक्षण करना और उसे बढ़ावा देना है। मंत्रालय के अधीनस्थ संस्था राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने बीते 10 अक्टूबर को 'भारत में अल्पसंख्यक अधिकार एवं लोकतंत्र' विषय पर नौवें वार्षिक व्याख्यान का आयोजन किया।
बीते 24 अगस्त को मंत्रालय की अंग्रेजी और हिन्दी भाषा में नई वेबसाइट की शुरुआत की गई। नकवी ने बीते 27 सितंबर को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं निगम के 'इंटरेक्टिव रिस्पॉन्स सिस्टम' (टोल फ्री नंबर) की शुरुआत की। (भाषा)