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2014 में वनडे सीरीज में भारत का प्रदर्शन

2014 में वनडे सीरीज में भारत का प्रदर्शन - Team India s performance in 2014
वन-डे क्रिकेट में साल 2014 भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण इस लिहाज से भी था कि भारत वनडे क्रिकेट में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन है। साल 2015 की शुरुआत में ही वर्ल्ड कप का आयोजन है और इसलिए 2014 भारतीय टीम के लिए अपनी वर्ल्ड कप तैयारियों का अहम पड़ाव रहा। आइए देखते हैं साल 2014 में भारतीय टीम ने वनडे क्रिकेट में कैसा प्रदर्शन किया।

न्यूजीलैंड में मिली करारी हार : भारतीय टीम ने साल 2014 की अपनी पहली वन-डे सीरीज़ न्यूजीलैंड में खेली, जहां उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। जनवरी में खेली गई इस पांच मैचों की सीरीज़ में भारतीय टीम कोई भी मैच नहीं जीत पाई और न्यूजीलैंड ने 4-0 से यह सीरीज़ अपने नाम की। एक मैच टाई रहा। हालांकि सीरीज़   के कुछ मुकाबले नज़दीकी भी रहे, लेकिन भारतीय टीम वनडे सीरीज़ में अपने स्तर के अनुसार नहीं खेल सकी।

एशिया कप 2014 (फरवरी मार्च ) : एशिया कप इस साल बांग्लादेश में खेला गया, जिसमें भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। भारतीय टीम ने अपने महत्वपूर्ण मैच गंवा दिए। टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में केवल बांग्लादेश और अफगानिस्तान से ही जीत पाई, जबकि श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ मैचों में भारत को हार का   सामना करना पड़ा। इस टूर्नामेंट का फाइनल पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेला गया, जिसमें श्रीलंका चैंपियन बना।
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इंग्लैंड में वन-डे सीरीज (अगस्त सितंबर) : साल 2014 में वन-डे क्रिकेट में भारत को पहली सीरीज विजय इंग्लैंड दौरे पर मिली। भारतीय टीम ने यहां इंग्लैंड को उसी की जमीं पर पांच वन-डे मैचों की सीरीज़ में 3-1 से शिकस्त दी। भारतीय टीम के लिए यह सीरीज़ जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली थी। इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज़ गंवाने के बाद भारतीय टीम के लिए वन-डे सीरीज़ जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न बना गया था। आधे से अधिक साल बीतने के बाद भारत को इंग्लैंड में पहली वनडे सीरीज़ जीत मिली। इस सीरीज़ के हीरो सुरेश रैना रहे और उन्हें मैन ऑफ द सीरीज़ का इनाम दिया गया।

वेस्टइंडीज़ के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज़ (अक्टूबर) : साल के दसवें महीने में भारत ने पहली घरेलू वनडे सीरीज़ खेली। सामने टीम थी वेस्टइंडीज़ जो आई तो थी पांच वन-डे मैच के लिए लिए अपने ही बोर्ड से मैच फीस के विवाद के कारण तीन मैच खलने के बाद दौरा बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौट गई। वेस्टइंडीज़ टीम की इस   अनुशासनहीनता पर भारतीय बोर्ड से नाराजगी जताई। इस सीरीज़ में तीन मैच खेले गए, जिनमें से भारत ने दो मैच जीते, जबकि एक मैच वेस्टइंडीज के खाते में गया।

श्रीलंका के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज़ (नवंबर) : भारत और श्रीलंका में वनडे सीरीज़ खेली गई, जिसमें कई रिकॉर्ड बने। भारतीय टीम ने इस सीरीज़ में श्रीलंका का सफाया  कर दिया और 5-0 से सीरीज़ अपने नाम कर ली। इस सीरीज़ में विराट कोहली मैन ऑफ द सीरीज़ रहे। भारतीय बल्लेबाजों ने जमकर श्रीलंका के गेंदबाजों को धुना। इस सीरीज़ के कोलकाता वनडे में रोहित शर्मा ने 264 रनों की पारी खेलकर बहुत से रिकॉर्ड अपने नाम किए।  रोहित ने न केवल वनडे क्रिकेट का सबसे बह़ा स्कोर बनाया, बल्कि वे वनडे में दो बार दोहरा शतक लगाने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी भी बन गए। कुल मिलाकर भारतीय टीम के लिए 2014 में वनडे क्रिकेट की शुरुआत निराशाजनक रही, लेकिन साल के अंत तक भारतीय टीम ने इस फॉर्मेट में अपनी फॉर्म वापस हासिल कर ली, जो विश्वकप 2015 के लिहाज़ से बहुत महत्वपूर्ण है।
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2014 में सबसे अधिक रन : साल 2014 में सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली रहे। कोहली ने 21 मैचों की 20 पारियों में 58.55 की औसत से कुल 1058 रन बनाए। कोहली साल 2014 में रन बनाने  के मामले में श्रीलंका के कुमार संगकारा (1256) और श्रीलंका के ही एंजेलो मैथ्यूज़ (1244) के बाद तीसरे नंबर  पर रहे। कोहली के बाद इस साल कोई भारतीय बल्लेबाज 1000 रन का आंकड़ा नहीं छू पाया। कोहली के बाद सूची में नौंवे नंबर पर शिखर धवन रहे, जिन्होंने 18 मैचों की 18  पारियों में 47.97 की औसत से कुल 815 रन बनाए।  
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सबसे अधिक विकेट : इस साल मोहम्मद शमी वनडे क्रिकेट में विकेट लेने के मामले में सबसे सफल भारतीय गेंदबाज़ रहे और उन्होंने कुल 16 मैचों में 22.94 की औसत  से 38 विकेट लिए। वे श्रीलंका के अंजता मेंडिस (38 विकेट) के बाद इस साल सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे नंबर पर रहे।

हालांकि शमी और  मेंडिस ने समान विकेट लिए, लेकिन मेंडिस रन औसस (21.63) के मामले में शमी से थोड़े बेहतर रहे, इसलिए उन्हें साल 2014 में सबसे अधिक विकसेट लेने वाले  गेंदबाजों की सूची में पहला स्थान मिला। शमी के अलावा कोई अन्य भारतीय गेंदबाज़ इस साल टॉप फाइव में स्थान नहीं बना सका। रवींद्र जड़ेजा 17 मैचों में 32.68 की औसत से 25 विकेट लेकर सूची में  छठवें स्थान पर रहे।
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सबसे अधिक कैच : इस साल सबसे अधिक कैच लपकने में भारतीय फील्डर शीर्ष पर हैं। अजिंक्य रहाणे ने इस साल 24 वनडे मैचों में कुल 16 कैच पकड़ कर सूची में पहला स्थान बनाया है। दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ हैं।  रहाणे के बाद सूची में दूसरे भारतीय फील्डर सुरेश रैना हैं, लेकिन उनका स्थान सूची में बहुत   नीचे है। रैना ने इस साल 17 मैचों में 9  कैच लपके और वे सूची में 17वें स्थान पर हैं।
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साल का सबसे बड़ा धमाका :  रोहित शर्मा ने इस साल क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय जोड़ते हुए कोलकाता के ईडन गार्डन में 264 रन की पारी खेलकर एकदिवसीय  अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत पारी का नया विश्व रिकॉर्ड बनाने के साथ ही कई अन्य रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। रोहित ने ईडन गार्डन्स के 150 वर्ष पूरे करने का जश्न कीर्तिमान भरी पारी खेलकर मनाया। वे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 250 से अधिक स्कोर बनाने वाले पहले  खिलाड़ी हैं। वे वन-डे में दो दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं।

रोहित ने अपनी इस पारी के दौरान 209 रन के अपने पिछले व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर को पीछे छोड़ने के अलावा वीरेंद्र सहवाग के वन-डे में सबसे बड़ी पारी के 219 रन  के पिछले रिकॉर्ड को भी ध्वस्त किया। सहवाग ने 8  दिसंबर 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में रिकॉर्ड पारी खेली थी। रोहित ने पिछले साल ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो नवंबर 2013 को बेंगलुरु में 209 रन बनाए थे। वन-डे में चार दोहरे शतक लगे हैं और ये चारों भारतीय बल्लेबाजों ने  लगाए हैं।

रोहित और सहवाग से पहले सचिन तेंदुलकर ने 24 फरवरी 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर में नाबाद 200 रन की पारी खेली थी। रोहित ने अपनी पारी में 33 चौके लगाए जो एकदिवसीय मैचों में नया रिकॉर्ड है। इससे पहले का रिकॉर्ड संयुक्त रूप से तेंदुलकर और सहवाग के नाम पर था। इन दोनों  ने जब दोहरे शतक लगाए थे तब उसमें 25-25 चौके शामिल थे।

बहरहाल वह भारत की तरफ से लिस्ट ए में सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड अपने नाम पर करने में सफल रहे। उन्होंने अपने साथी शिखर धवन का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 12  अगस्त 2013 को भारत ए की तरफ से दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ प्रिटोरिया में 248 रन बनाए थे। लिस्ट ए में अब दूसरा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर रोहित के नाम पर दर्ज है।

रोहित ने अपनी पारी के दौरान 173 गेंदों का सामना किया। यह 50 ओवरों के मैच में सबसे अधिक गेंदों का सामना करने का नया रिकॉर्ड है। इससे पहले कनाडा के  आशीष बगई ने स्कॉटलैंड के खिलाफ 2007 में 172 गेंदें खेली थी। इनके बाद डेविड बून का नंबर आता है, जिन्होंने 1991 में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत के खिलाफ 168 गेंदों का सामना किया था।

रोहित ने अपनी पारी में 33 चौके और नौ छक्के लगाए और इस तरह से कुल 186 रन केवल बाउंड्री से बनाए जो नया रिकॉर्ड है। उन्होंने आस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन का  रिकॉर्ड तोड़ा था, जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 2011 में ढाका में अपनी नाबाद 185 रन की पारी के दौरान 150 रन चौकों और छक्कों से बनाए थे। सहवाग के बाद रोहित भारत के पहले ऐसे सलामी बल्लेबाज भी बन गए हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 250 से अधिक का स्कोर बनाया। सहवाग ने हालांकि यह कारनामा टेस्ट मैचों में दिखाया है।