इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया
द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट पेशे के विनियमन हेतु चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट 1949 के अंतर्गत स्थापित एक संवैधानिक यूनिट है। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया, इंद्रप्रस्थ मार्ग, नई दिल्ली अपने पाँच दशक से अधिक के कार्यकाल में आईसीएआई ने न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में एक प्रमुख चार्टर्ड अकाउंटेंट इंस्टिट्यूट के रूप में मान्यता हासिल की है।एजुकेशन, प्रोफेशनल डेवलपमेंट, अकाउंटेंट ऑडिटिंग और नीतिगत मामलों में अपने शानदार एक्सेलेंट परफार्मेंस के लिए इसे सारी दुनिया में सम्मान से देखा जाता है। आज इसे दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा लेखा विद्या निकाय माना जाता है। 1949
में स्थापित आईसीएआई का हैडक्वार्टर नई दिल्ली में है तथा इसके 5 रिजनल ऑफिस मुंबई, चेन्नई, कानपुर, कोलकाता और नई दिल्ली में हैं। अपनी 114 ब्रांचेस से आईसीएआई पूरे देश में फैला हुआ है। इसके अलावा इसने भारत के बाहर 18 चेप्टर स्थापित किए हैं तथा दुबई में भी इसका एक ऑफिस है। एक्सलेंट रिकॉर्ड- द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया का इतिहास और योगदान जितना शानदार है एजुकेशन में भी इसका कीर्तिमान उतना ही अच्छा है। इस समय इसके माध्यम से लगभग साढ़े तीन लाख स्टूडेंट्स चार्टर्ड अकाउंटेंसी कोर्स कर रहे हैं तथा इनकी कुल मेंबरशिप डेढ़ लाख के आसपास है। सभी मेंबर्स में से लगभग 55 प्रश चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रैक्टिस कर रहे हैं और बाकी रोजगार से जुड़े हुए हैं। गर्वमेंट सेक्टर्स, उद्योगों, बैंकों, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस, निजी उद्योगों में चार्टर्ड अकाउंटेंट महत्वपूर्ण पदों यथा विनियामक निकायों के अध्यक्ष, इंश्योरेंस तथा बैंकों के अध्यक्ष, प्रतिष्ठित उद्योग के प्रबंध निर्देशकों, संगठनों के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं। साथ ही आयकर अपील-न्यायाधिकरण में उपाध्यक्ष के पद पर भी कार्य कर रहे हैं। आईसीएआई के सदस्यों की प्रतिष्ठा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विदेशों में भी इन्हें काफी सक्षम माना जाता है। यही कारण है कि वर्तमान में आईसीएआई के 12000 सदस्य विदेशों में कार्यरत हैं।ऑर्गेजेनाइशनल स्ट्रक्चर- आईसीएआई के मामलों को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट 1949 के प्रावधानों के अनुसरण में कौंसिल द्वारा प्रबंधित किया जाता है। इस कौंसिल में 40 सदस्य होते हैं जिनमें 32 सदस्यों का चयन सदस्यों द्वारा किया जाता है, शेष 8 सदस्यों को केंद्र सरकार द्वारानामित किया जाता है। कौंसिल 4 स्थायी समितियों-एक्जीक्यूटिव कमेटी, एक्जामिनेशन कमेटी, डिसिप्लेनरी कमेटी, फाइनेंस कमेटी तथा 24 अस्थायी समितियों के माध्यम से कार्य करती है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट 1949 के अनुसार अध्यक्ष कौंसिल का चीफ एक्जीक्यूटिव प्राधिकारी होता है। आईसीएआई के सचिवालय के प्रमुख सचिव होते हैं। इसकी गतिविधियों को चार हिस्सों- टेक्नीकल डायरेक्टोरेट, सीपीई डायरेक्टोरेट, बोर्ड ऑफ स्टडीज एंड एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा विभाजित किया गया है। आईसीएआई के काम- आईसीएआई के कामों में मेंबरशिप के लिए क्राइटेरिया तय करना, एक्जाम कंडक्ट करना, ट्रेनिंग अरैंज करना, मेंबर्स का इंरोलमेंट करना शामिल हैं। इसके द्वारा पूरे देश में एक्जाम कंडक्ट की जाती हैं, पोस्टल कोचिंग, ओरल कोचिंग, प्रेक्टिकल ट्रेनिंग आयोजित कर स्टूडेंट्स को सीए पेशे के लायक बनाते हैं। इसके द्वारा स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी की सहूलियत भी प्रदान की जाती है। एक्जाम- 1949 में आईसीएआई की स्थापना से लेकर आज तक इसका एक्जाम नेटवर्क आकार-प्रकार में बहुत व्यापक हो गया है। 1949 में संस्था द्वारा आयोजित पहली परीक्षा में लगभग 450 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे, जिनकी संख्या बढ़कर 1 लाख 10 हजार हो गई है। सीए एक्जाम भारत के 95 शहरों के 173 सेंटर्स पर वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है। इसके दो केंद्र दुबई और काठमांडू में भी स्थापित हैं। कोर्स- आईसीएआई द्वारा सीए के कोर्स, कंटिन्यूइंग प्रोफेशनल एजुकेशन (सीपीई) के अलावा पोस्ट क्वालिफिकेशन कोर्सेस इन मैनेजमेंट, अकाउंटेंसी, कॉर्पोरेट मैनेजमेंट तथा टैक्स मैनेजमेंट कोर्स आयोजित किए जाते हैं, साथ ही इंफॉरमेशन सिस्टम ऑडिट, इंश्योरेंस एंड रिस्क मैनेजमेंट, इंटरनेशनल ट्रेड लॉ एंड डब्ल्यूटीओ के अलावा कम्प्यूटर एडेड ऑडिटिंग टेक्निक कोर्स भी संचालित किए जाते हैं। भारत के अलावा आईसीएआई नेपाल, श्रीलंका, यूएई, सिंगापुर, मॉरीशस आदि देशों में पाठ्यक्रम संचालित करता है। यह देश का पहला शैक्षणिक संस्थान है जिसके पास डिजिटल सर्टिफिकेट जारी करने की क्षमता है।