• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. योग
  3. आलेख
  4. Tibetan yoga
Written By
Last Updated : गुरुवार, 20 जून 2019 (17:49 IST)

पांच 'तिब्बती योगा' से रहें एकदम चुस्त-दुरुस्त

पांच 'तिब्बती योगा' से रहें एकदम चुस्त-दुरुस्त - Tibetan yoga
योग को प्रत्येक देश या क्षेत्र में अपने तरीके से किया जाता है। योग का प्रथम उपदेश हमें वेदों में मिलता है। योग के महान ऋषियों में अष्टावक्र, योगवशिष्ठ, पातंजलि, मत्स्येंद्रनाथ, गुरु गोरखनाथ आदि का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। नाथपंथ के 84 नाथों में से ज्यादातर तिब्बत में रहते थे। उन्होंने वहां योग को तिब्बती लुक दिया। वर्तमान में तिब्बत में योग की पांच विधियां प्रचलन में है।
 
 
तिब्बती योगा की इस पांच स्टेप को तुसेम्यु (tusemeu) कहते हैं जिसका फॉर्मूला है- SLCTD...। यह स्टेप योग का ही अंग है इसीलिए इसे तिब्बती योगा नाम दिया गया है।
 
अवधि :  प्रत्येक एक्सरसाइज धीरे-धीरे 7, 14 और 21 बार करना चाहिए।
 
सावधानी : शरीर में किसी प्रकार का गंभीर दर्द या रोग हो तो योग शिक्षक की सलाह लें।
 
 
अगले पन्ने पर पहली स्टेप....
 

1.गोल-गोल घुमना (Spinning or Turn round) : दोनों हाथों को कंधे के समानांतर क्रम में चोड़ाकर गोल-गोल चक्कर लगाएं। पहले क्लॉकवाइज फिर एंटी क्लॉकवाइज। ऐसा तब तक करें जब तक की अच्छा लगे। ऐसा आपने बचपन में बहुत बार किया होगा।
अगले पन्ने पर दूसरी स्टेप...


2.नौकासन (पैर-कंधे उठाना Leg lifs) : यह नौकासन की तरह है। नौकासन में जहां दोनों हाथ भी ऊपर करते हैं, वहीं इसमें शरीर का सारा बोझ कमर, हाथों की हथेली और कोहनी के बल पर आ जाता है। शवासन में लेटकर दोनों पैरों को एड़ी और घुटने सहित मिलाएं। फिर हाथों की दोनों हथेलियों को पुठ्ठे के नीचे दबा लें। हथेलियों के भूमि पर दबाव से दोनों पैरों को जमीन पर से ऊपर उठाएं। उसी क्रम में सिर और कंधों को भी उठाएं।

इस प्रक्रिया में कमर का हिस्सा, हाथ की कोहनी और हथेली ही भू‍मि से जुड़ी रहती है ‍बाकि हमारे पैर और गर्दन सहित कंधे जमीन से ऊपर उठते रहते हैं। ऐसा सुविधानुसार 7, 14 या 21 बार करें। अप और डाऊन।
अगले पन्ने पर तीसरी स्टेप...

3.उष्ट्रासन : (camel) : उष्ट्रासन में घुटनों के बल खड़े रहकर हाथों से जहां पैरों की एड़ियों को पकड़कर छाती को आसमान की ओर चौड़ीकर सिर को पीछे की ओर ढीला छोड़ देते हैं, वहीं इसमें एड़ी की जगह पीछे से जांघों (कमर या पुठ्ठों को को पीछे से पकड़कर भी कर सकते हैं) को पकड़कर उष्ट्रासन करते हैं। एक बर पूरे शरीर को पीछले ले जाएं फिर पुन: आगे लाएं। ऐसा सुविधानुसार 7, 14 या 21 बार करें।

अगले पन्ने पर चौथी स्टेप...

4.टेबल टॉप (crab or Table top) : यह आसन चक्रासन की तरह है। दंडासन में बैठकर दोनों हथेलियां भूमि पर टिकाएं फिर घुटनों को मोड़कर पगथलियों को भूमि पर जमाएं। उसके बाद पूरे धड़ को ऊपर उठा दें। कुछ सेकंड रुकने के बाद पुन: दंडासन में बैठ जाएं। ऐसा सुविधानुसार 7, 14 या 21 बार करें।

अगले पन्ने पर पांचवीं स्टेप...

5. डॉग संचालन : (Down Dog/up Dog) : कुत्ता जिस तरह से आलस लेता और वह जिस तरह से ऊंचा मुंह करके रोता है बस कुछ इसी तरह से करना है। यह अखाड़े में दंड लगाने जैसा भी है।

हथेलियों को भूमि पर टिकाकर श्वास भरते हुए दाएं पैर को दूर तक पीछे की ओर ले जाएं और उसे पंजे के बल टिका दें। अब श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए बाएं पैर को भी पीछे ले जाकर दाएं पैर के साथ रखें। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिला दें। हथेलियों और पैरों के तलवे के बल पर शरीर को रखते हुए कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठाएं। फिर ठोड़ी को कंठ में दबाते हुए गर्दन को पेट की ओर दबाएं। इसमें शरीर अंग्रेजी के उलटे यू के समान दिखाई देता है।

फिर घुटना और पेट जमीन पर टिकाते हुए भुजंगासन करें। पुन: डॉग पोजिशन में लौटकर फिर भुजंगासन करें। ऐसा सुविधानुसार 7, 14 या 21 बार करें। अंत में विश्राम मुद्रा में कुछ देर खड़े रहकर प्राणायाम करें और फिर नमस्ते करें तब कहें- ओम मणि पद्मे हुम्।

इसका लाभ : किसी भी प्रकार का रोग हो...बस यह पांच योगा स्टेप काफी है। यह आपकी बॉडी को स्लिम और फिट भी बनाए रखेगा। उम्र को बढ़ने से रोक देगा। हर तरह का तनाव हटाकर आत्मविश्वास बढ़ाने में सक्षम है।

लेखक : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
ये भी पढ़ें
सुनने को बनाएं 'ध्यान'