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Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : बुधवार, 20 दिसंबर 2023 (15:25 IST)

2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने दिखाई ताकत, झूमे बाजार, निवेशकों की चांदी

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Business Year Ender 2023: साल 2023 को भारतीय अर्थजगत के लिए एक बेहतरीन वर्ष कहा जाएगा। सेंसेक्स, निफ्टी, गोल्ड, सिल्वर जहां ऑल टाइम हाई रहे वहीं जीडीपी की रफ्तार, विदेशी मुद्रा भंडार और G-20 की मेहमाननवाजी ने दुनिया को भारत का मुरीद बना दिया। एक तरफ बड़े निवेशकों ने शेयर बाजार में जमकर कमाई की तो म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से छोटे निवेशकों को भी तगड़ा फायदा हुआ। इस आयोजन से दुनियाभर में भारतीय अर्थव्यवस्था की धाक बढ़ी।
 
वैश्विक मंदी के दौर में एक तरफ अमेरिका, चीन और यूरोप पूरे वर्ष आर्थिक मोर्चे पर संघर्षरत नजर आए वहीं भारत दुनियाभर के निवेशकों की पहली पसंद बना। महंगाई की रफ्तार थामने, रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन से लेकर आयात निर्यात तक भारत की नीतियों का लोहा सभी ने माना। सरकार द्वारा इस वर्ष 2000 के नोट बंद कर ही दिए। नोट बंदी के बाद बाजार में आए इन नोटों के बंद होने पर पिछले कई वर्षों से कयास लगाए जा रहे थे। इस वर्ष की बड़ी घटनाओं से 10 बातों से जानिए 2023 में अर्थजगत में भारत की सफलता की कहानी... 
 
1. बढ़ी सोने चांदी की चमक : इस वर्ष सोना-चांदी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। दोनों ही धातुओं ने ऑल टाइम हाई बनाया। 3 दिसंबर को चांदी 80500 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। इससे पहले सोना भी 2 दिसंबर को इंदौर में RTGS पर 65000 रुपए प्रति 10 ग्राम कीमत के साथ अपनी सर्वकालिक ऊंचाई पर था। 
 
सोना चांदी व्यापारी संजय अग्रवाल ने बताया कि 2023 का वर्ष सर्राफा बाजार के लिए काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। रूस यूक्रेन युद्ध, इजराइल हमास युद्ध और फेडरल रिजर्व के रेट की वजह से इस वर्ष बहुत ज्यादा तेजी मंदी रही। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2024 में भी सोना चांदी निवेशकों को बेहतर रिटर्न देगा।
 
share market 2023
2. शेयर बाजार गुलजार : वर्ष 2023 में भारतीय शेयर बाजार ने जबरदस्त रिटर्न दिया। अडाणी हिंडनबर्ग एपिसोड को छोड़कर सेंसेक्स, निफ्टी के लिए इस वर्ष सब कुछ सकारात्मक ही रहा। एक तरह जहां दुनियाभर के बाजार वैश्विक मंदी से परेशान दिखे वहीं भारत के प्रति निवेशकों का विश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही दिखाई दिया। FPI ने 2023 में भारतीय शेयर बाजार में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए डाले।
 
2 जनवरी को सेंसेक्स 61,167 के स्तर पर था, 28 जून को 64,000 हुआ और 15 दिसंबर को 71,606 पर पहुंच गया। इसमें 17% से ज्यादा यानी 10,438 अंकों की तेजी दिखाई दी। इसी तरह निफ्टी भी 2023 के पहले कारोबारी दिन 18200 के करीब था, 14 जुलाई को यह 19565 पर पहुंचा और 15 दिसंबर को 21456 पर बंद हुआ। इसमें करीब 3256 अंकों की तेजी नजर आई। भारतीय शेयर बाजार इस वर्ष के अंत में किलकारी भरते हुए पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप क्लब में शामिल हो गया। 
 
3. महंगाई : इस वर्ष महंगाई के मार्चे पर भी भारत का प्रदर्शन संतोषजनक कहा जा सकता है। रिजर्व बैंक की मदद से सरकार इस वर्ष महंगाई दर को 4 से 6 प्रतिशत के बीच बनाए रखने में सफल रही। थोक महंगाई दर भी नियंत्रित रही। बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट को शुरुआत में बढ़ाकर 6.5% कर दिया। RBI का यह कदम सही साबित हुआ है और इससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिली। महंगाई के मोर्चे पर स्थिरता आने के बाद फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट को स्थिर रखा गया। आटा, दाल, प्याज, टमाटर जैसी वस्तुओं के दामों ने आम आदमी को परेशान किया लेकिन सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए कई बड़े कदम उठाए। हालांकि कागजों पर महंगाई भले ही ज्यादा ना बढ़ी हो लेकिन इसने आम आदमी की नाक में दम जरूर कर दिया।
 
4. बेरोजगारी : श्रमबल के आंकड़ों पर निगाह रखने के लिए एनएसएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 15 साल और उससे अधिक उम्र के स्नातकों के बीच बेरोजगारी की दर 2022-23 में घटकर 13.4 प्रतिशत रह गई। जो इससे पिछले साल में 14.9 प्रतिशत थी। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के स्नातकों के बीच सबसे कम बेरोजगारी दर (5.6 प्रतिशत) चंडीगढ़ में रही। इसके बाद 5.7 प्रतिशत के साथ दिल्ली का स्थान रहा। वहीं प्राइवेट रिसर्च फर्म CMIE ने दावा किया कि अक्टूबर 2023 में भारत में बेरोजगारी 2 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। कहा गया कि देश के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है। इधर विपक्ष ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर पूरे साल भर सरकार को घेरा।
 
5. अडाणी हिंडनबर्ग मामला : इस वर्ष को अडाणी हिंडनबर्ग विवाद के लिए भी जाना जाएगा। हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों को अर्श से फर्श पर पहुंचा दिया। एक समय अडाणी ग्रुप का अस्तित्व तक संकट में पड़ता नजर आने लगा लेकिन संकट की घड़ी में गौतम अडाणी ने धैर्य के साथ मुश्किलों का सामना किया। इस बात के प्रयास किए गए कि निवेशकों को कम से कम नुकसान हो। बहरहाल 2023 की विदाई से पहले ही संकट के बादल छंट गए। अमेरिका द्वारा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट खारिज करने के बाद कंपनी ने जबरदस्त मुनाफा कमाया। देखते ही देखते अडाणी ग्रुप एक बार फिर निवेशकों की पसंद बन गया। गौतम अडाणी भी 85.1 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के अमीरों की सूची में 14वें स्थान पर पहुंच गए। 
 
6. G20 समिट : साल 2023 में G-20 समिट के सफल आयोजन से भी भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। इस समिट के दौरान 115 से अधिक देशों से आए 25 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने देशभर के 60 शहरों में 220 से ज्यादा मीटिंग की। इस वजह से अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, सऊदी अरब समेत दुनियाभर के तमाम देशों से भारत के व्यापारिक संबंध मजबूत हुए। भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच बनने वाले आर्थिक कनेक्टिविटी कॉरिडोर की घोषणा को इस वर्ष की बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है।
 
7. विदेशी मुद्रा भंडार : 2023 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी भरा रहा। आरबीआई के आंकड़ों, दिसंबर महीने की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर 600 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। इससे पहले 11 अगस्त को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से ज्यादा था। अक्टूबर 2021 से इसमें लगातार गिरावट आ रही थी। बहरहाल यह भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत के संकेत हैं।
 
8. आयात निर्यात : भारत का निर्यात इस साल नवंबर में 2.83 प्रतिशत घटकर 33.90 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जो एक साल इसी महीने 34.89 अरब अमेरिकी डॉलर था। आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में आयात भी घटकर 54.48 अरब डॉलर रह गया, जबकि नवंबर 2022 में यह 56.95 अरब डॉलर था।
 
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सामान और सेवा क्षेत्र के मजबूत निर्यात प्रदर्शन से भारत को इस साल अपने कुल व्यापार की वृद्धि दर में गिरावट को थामने में मदद मिलेगी। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात और आयात 2022 के 1,651.9 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2023 में 2.6 प्रतिशत घटकर 1,609 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
 
9. टैक्स कलेक्शन : रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन की वजह से इस वर्ष सरकार का खजाना भर गया। नवंबर में करीब 1.68 लाख करोड़ रुपए रहा। इस वित्त वर्ष में लगातार 9वीं बार 1.50 लाख करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन हुआ।
 
वर्ष वित्त विशेषज्ञ नितिन भंडारी के अनुसार, 2023 में भारत ने डिजिटलाइजेशन और अकाउंटेड बिजनेस की ओर ध्यान दिया। सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई जिसने लोगों को अर्थव्यवस्था से सीधे जोड़ा। इस वजह से देश में जीएसटी से लेकर इनकम टैक्स तक हर तरह के टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी हुई। 
 
10. GDP : भारत 2023 में मजबूत वृद्धि दर बनाए रखने में सफल रहा। रेटिंग एजेंसी S&P ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया। जीडीपी के मोर्चे पर साल 2023 में भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। आने वाले समय में देश की जीडीपी 6 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच बनी रह सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पीएम मोदी का भी कहना है कि तीसरी पारी में भारत दुनिया की 3 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होगा।
 
भंडारी कहते हैं कि 2023 में भारत में मूलभूत सुविधाओं पर काफी काम हुआ। ट्रेन, रोड और एयरपोर्ट डेवलप होने से अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई। मेक इन इंडिया के तहत देश में काम कर रही कंपनियों को काफी फायदा हुआ। इसी वजह से आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल के साथ ही कई बड़ी कंपनियों ने भारत में उत्पादन शुरू किया।
 
बहरहाल 2047 तक विकसित भारत के ड्रीम और 5 ट्रिलियन ‍इकॉनोमी के सपने को पूरा करने की दिशा में भारत इस वर्ष एक मजबूत कदम बढ़ाता नजर आया। इस बात के संकेत भी मिल रहे हैं कि आने वाले वर्षों में भारत अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेजी से बढ़ेगी।