भारत 28 साल बाद फिर क्रिकेट का बादशाह
धोनी 91 रनों पर नाबाद, भारत ने 6 विकेट से श्रीलंका को हराया
भारत ने 28 साल बाद एक बार फिर क्रिकेट में विश्व विजेता का सेहरा अपने सिर बाँध लिया है। कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी खेली जबकि युवराज सिंह 21 रनों पर नाबाद रहे। भारत के विश्व चैम्पियन बनने के बाद युवराज सिंह बहुत भावुक हो गई और जीत की खुशी उनकी आँखों से बह निकली। युवराज सिंह को इस विश्वकप का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। पूरी टीम ने सचिन को छठे विश्वकप में चैम्पियन का तोहफा दिया है।खुशी के आँसू न सिर्फ युवराज की आँखों से बह रहे थे, बल्कि सभी खिलाड़ियों की आँखों से ये बयाँ हो रहे थे। वानखेड़े स्टेडियम पर भारतीय टीम ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर को कंधों पर बैठाकर पूरे स्टेडियम में घुमाया। सचिन के हाथों में तिरंगा झंडा है और पूरा स्टेडियम इस वक्त शुशी से झूम रहा है।महेन्द्र सिंह धोनी ने जब मैच में विजयी छक्का उड़ाया, तब 10 गेंद फेंकी जाना शेष थी। धोनी ने इस विश्वकप में अपनी नेतृत्व क्षमता से पूरी दुनिया को दिखा दिया कि चैम्पियन कैसे बना जाता है। धोनी की कप्तानी में ही भारत ने ट्वेंटी 20 में विश्व चैम्पियन बनाया। भारत को वनडे में वनडे की रैंकिंग में नंबर एक पर पहुँचाया और आज वे भारत को वर्ल्डकप में चैम्पियन बनाने में कामयाब हुए। धोनी भारतीय क्रिकेट के पारस है, जिसे छूते हैं, सोना बना जाती है।भारत को जीत के लिए 50 ओवर में 275 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे उसने 48.2 ओवर में प्राप्त कर लिया। 14
गेंदों का खेल शेष है और भारत विश्व चैम्पियन बनने से 7 रन दूर है। धोनी ने पिछले ओवर में 1 चौका और युवराज ने 1 चौका जमाकर कुलशेखरा की गेंदबाजी की लय बिगाड़ दी। इसके बाद मलिंगा के ओवर में धोनी ने लगातार 2 चौके जमाए। धोनी 84 रन पर नाबाद है।32
गेंदों में भारत को जीत के लिए अब 32 रनों की जरूरत है। महेन्द्र सिंह धोनी कप्तानी पारी खेलकर 70 और युवराज सिंह 8 रन बनाकर नाबाद है।गौतम गंभीर को शतक लगाने की जल्दबाजी उन्हें आउट कर गई। गंभीर 97 रनों के निजी स्कोर पर परेरा की गेंद पर बोल्ड हो गए। भारत ने चौथा विकेट 223 रनों पर गँवाया। 52 गेंदों का खेल शेष है और भारत को जीत के लिए 52 रनों की दरकार है। धोनी का साथ देने के लिए युवराज सिंह मैदान पर पहुँचे हैं।महेन्द्र सिंह धोनी ने आज कप्तानी पारी खेलते हुए वनडे करियर की 38वीं हाफ सेंचुरी पूरी की। 69 गेंदों का खेल शेष है और भारत को जीत के लिए 69 रनों की जरूरत है। गंभीर 91 और धोनी 52 रन बनाकर क्रीज पर हैं। 80
गेंदों कें 80 रन : भारत को 80 गेंदों पर 80 रनों की दरकार है। गंभीर 89 और धोनी 42 रन के निजी स्कोर पर नाबाद हैं। धोनी ने आज 166वीं वनडे पारी खेलते हुए करियर के 6 हजार रन भी पूरे कर लिए हैं। भारत का स्कोर इस वक्त तीन विकेट खोकर 195 रन है।भारत जीत से 97 रन दूर : मैच में 92 गेंदों का खेल बाकी है और भारत को जी के लिए 93 रनों की दरकार है। गंभीर 87 और धोनी 31 रन बनाकर क्रीज पर हैं।भारत 32 ओवर में 3 विकेट खोकर 165 रन : धोनी और गंभीर के बीच 63 गेंदों में 51 रनों की भागीदारी निभाई जा चुकी है। भारत को जीत के लिए 18 ओवर में 110 रनों की दरकार है।गंभीर और धोनी पर बड़ी जिम्मेदारी : कोहली के आउट होने के बाद गंभीर और धोनी पर एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। 132 गेंदों में भारत को जीत के लिए 133 रनों की दरकार है। विराट कोहली आउट : भारत ने तीसरा विकेट विराट कोहली के रूप में खोया। तिलकरत्ने दिलशान की गेंद पर चौका लगाने के बाद विराट ने गेंदबाज के पास से स्ट्रोक खेला लेकिन दिलशान ने बेहद सुंदर कैच लपक लिया। 22 ओवर के बाद भारत का स्कोर 122 रन तीन विकेट के नुकसान पर।19
ओवरों में भारत 2 विकेट के नुकसान पर 99 रन : भारत ने विश्वकप फाइनल में 19 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 99 रन बना लिए हैं। गौतम गंभीर 50 और विराट कोहली 24 रन बनाकर क्रीज पर हैं। गंभीर का वनडे में यह 25वाँ अर्धशतक है। चौके से गंभीर ने पूरे किए 4 हजार रन : गौतम गंभीर ने 12वें ओवर में बेहतरीन चौका लगाकर एक दिवसीय क्रिकेट में अपने 4 हजार रन पूरे किए। गंभीर वनडे में 24 अर्धशतक और 9 शतक लगा चुके हैं। उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 150 रन का रहा है। यह स्कोर उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ ही बनाया था। गंभीर और विराट कोहली के बीच 41 गेंदों पर 37 रनों की भागीदारी निभाई जा चुकी है। 13 ओवर में भारत 68 रन। गंभीर सचिन तेंडुलकर आउट : सातवें ओवर की पहली ही गेंद पर लसित मलिंगा ने भारत को एक बड़ा झटका दिया, जब उन्होंने सचिन तेंडुलकर (18 रन) को विकेटकीपर संगकारा के दस्तानों में झिलवा दिया। ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को छेड़ने के प्रयास में सचिन आउट हो गए। भारत 9 ओवर में 2 विकेट खोने के बाद 35 रन चुका है।भारत को पहला झटका : सहवाग आउट : लसित मलिंगा ने भारत को पहले ही ओवर में एक बड़ा झटका दिया और दूसरी ही गेंद पर विस्फोटक बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग को पगबाधा आउट कर दिया। विकेट पर सचिन तेंडुलकर का साथ देने के लिए गंभीर पहुँचे हैं। पहला ओवर खत्म होने के बाद भारत एक विकेट के नुकसान पर 4 रन।महेला जयवर्धने के नाबाद शतक (88 गेंदों पर 13 चौके, 103 रन) की बदौलत श्रीलंका ने भारत के खिलाफ विश्वकप के फाइनल मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाए। पूरे मैच में जहीर खान और अन्य खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन अंतिम 7 ओवरों में लंकाई बल्लेबाजों ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से मैच का रुख ही बदल दिया। जहीर ने अपने अंतिम 2 ओवरों में 35 रन लुटा दिए। लंका की पारी में कल 27 चौके और 2 छक्के लगाए गए।48
वें ओवर में महेला जयवर्धन
इस विकेट के साथ ही जहीर खान विकेट लेने के मामले में शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष पर आ गए। दोनों गेंदबाज अब तक 21-21 विकेट ले चुके हैं। जहीर के पास सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बनने का मौका। जहीर खान का एक और कमाल। अपने दूसरे स्पैल में जहीर ने कपुगेदरा को आउट करके भारत को मैच में मजबूत कर दिया। 40 ओवर के बाद श्रीलंका का स्कोर 183/5 है। कपुगेदरा ने एक रन बनाया। जयवर्धने और समरवीरा के बीच 10.2 ओवर में 57 रन की साझेदारी हुई। समरवीरा के स्थान पर कपुगेदरा मैदान में आए हैं। पारी के 39वें ओवर में युवराज ने समरवीरा को पगबाधा आउट किया। समरवीरा ने 34 गेंदों में 21 रन बनाए। उन्हें रिव्यू के बाद आउट दिया गया। जयवर्धने और समरवीरा के बीच 37वें ओवर में अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की। इसी ओवर में जहीर खान गेंदबाजी मोर्चे पर। जहीर का यह दूसरा स्पैल है। 36
वें ओवर में विराट कोहली को गेंद थमाई गई है। उनकी पहली गेंद पर ही जयवर्धने ने चौका जड़ा। ओवर में कुल छह रन। पारी के 33वें ओवर में जयवर्धने ने अपना अर्धशतक पूरा किया। श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण पारी। कप्तान धोनी ने गेंदबाजी में एक और परिवर्तन किया। सचिन तेंडुलकर को गेंदबाजी का जिम्मा सौंपा गया है। उनके इस ओवर में कुल पाँच रन आए। पारी के 32वें ओवर में युवराज की गेंद पर समरवीरा के खिलाफ रिव्यू लिया गया, जिसमें अंपायर ने बल्लेबाज को नॉटआउट करार दिया। श्रीसंथ को एक बार फिर गेंदबाजी के लिए लाया गया है। यह श्रीसंथ का चौथा स्पैल है। इस ओवर में सात रन। श्रीसंथ ने 8 ओवर में 52 रन दिए।29
ओवरों के बाद श्रीलंका का स्कोर 128/3 है। थिलहन समरवीरा को साथ लेकर जयवर्धने पारी जमाने की कोशिश में। श्रीलंका का तीसरा विकेट 28 वें ओवर में गिरा। संगकारा 67 गेंदों में 48 रन बनाकर युवराज की गेंद पर हरभजन को कैच दे बैठे। उस समय टीम का स्कोर 122 रन था। संगकारा और जयवर्धने ने तीसरे विकेट के लिए 11.2 ओवरों में 62 रन जोड़े। संगकारा के आउट होने के बाद मैच में भारत फिर से मजबूत नजर आ रहा है। श्रीलंका के 100 रन 24 ओवर में पूरे हुए। संगकारा 36 जयवर्धने 23 रन पर। 25वें ओवर में दोनों बल्लेबाजों ने क्लोज रन लिया। संगकारा और जयवर्धने पारी जमाने की कोशिश में। 23वें ओवर में हरभजनसिंह ने केवल दो रन दिए। 20
वें ओवर में हरभजन का स्पैल जारी रहा। ओवर में कुल 3 रन आए। 21वें ओवर में गेंदबाजी में फिर बदलाव। युवराजसिंह गेंदबाजी मोर्चे पर। ओवर की पाँचवीं गेंद पर माहेला जयवर्धने ने चौका मारा। ओवर में कुल 8 रन आए। 19
वें ओवर की समाप्ति के बाद श्रीलंका 77 रन पर दो विकेट। श्रीसंथ को फिर से गेंदबाजी के लिए फिर से लाया गया। इस ओवर में श्रीसंथ ने छह रन दिए। अपने छह ओवर में श्रीसंथ 39 रन दे चुके हैं। मुनाफ ने इंडिया के लिए 16वाँ ओवर फेंका। उनकी पहली गेंद पर संगकारा ने एक रन लिया। दूसरी गेंद खाली गई। तीसरी गेंद पर दिलशान फिर रन लेने में विफल रहे। मुनाफ की चोथी गेंद पर भी कोई रन नहीं निकला। दिलशान ने मुनाफ की पाँचवी गेंद पर एक रन निकाला। ओवर की आखरी गेंद भी खाली गई।17
वें में हरभजन की पहली गेंद पर दिलशान कोई रन नहीं बना पाए। दूसरी गेंद पर भी कोई रन नहीं निकला। हरभजन ने भारत को दूसरी सफलता इस ओवर की तीसरी गेंद पर दिलवाई। दिलशान इस गेंद को समझ नहीं पाए और बोल्ड हो गए। उन्होंने अपनी पारी में 3 चौकों की मदद से 33 रन बनाए।भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया है वहीं श्रीलंका ने न्यूजीलैंड को हराकर इस महामुकाबले का टिकट प्राप्त किया है।श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने भारत के खिलाफ विश्वकप फाइनल मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। मैदान में टॉस के दौरान गफलत हो गई। श्रीलंकाई कप्तान के कॉल को मैच रैफरी नहीं सुन पाए और दोबारा टॉस करना पड़ा।भारत के लिए जहीर खान ने गेंदबाजी आक्रमण की शुरुआत की। श्रीलंका के स्ट्राइकर उपुल थरंगा पहली चार गेंदों को सही तरह से खेलने में विफल रहे। इसके बाद की दो गेंदों पर एक-एक रन आए। इस तरह श्रीलंका ने पहले ओवर में 2 रन बनाए। इससे पहले विश्वकप 2003 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी भारत के गेंदबाजी आक्रमण की शुरुआत जहीर ने ही की थी। उस ओवर में 17 रन गए थे।दूसरे ओवर में गेंदबाजी के लिए आए श्रीसंथ ने अपनी पहली ही गेंद पर तिलकरत्ने दिलशान को बीट किया, कोई रन नहीं। लेकिन अगली बॉल उन्होंने नो बॉल फेंक दी और श्रीलंका को फ्री हीट मिल गई जिस पर वे मात्र एक ही रन बना पाए। उनकी तीसरी गेंद पर दिलशान कोई रन नहीं बना पाए। चौथी गेंद पर उन्होंने दो रन लिए। श्रीसंथ ने आखरी बॉल पर कोई रन नहीं दिया। इस तरह लंका ने दो ओवर में सात रन बनाए।तीसरे ओवर में जहीर ने फिर शानदार गेंदबाजी की। उन्हें क्षेत्ररक्षकों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा था। उनके ओवर में कोई रन नहीं निकला। थरंगा ने इनमें से तीन बार रन बनाने का प्रयास किया पर अच्छे क्षेत्ररक्षण की बदौलत उनके इस प्रयास को असफल कर दिया गया। चौथे ओवर में फिर श्रीसंथ ने अच्छी गेंदबाजी की। उनकी पहली तीन गेंदों में से दो पर बल्लेबाज सिंगल्स लेने में सफल रहे। लेकिन अगली तीन गेंद फिर खाली निकालकर श्रीसंथ ने लंकाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा।अपने तीसरे ओवर की पहली चार गेंदों पर जहीर ने थरंगा को कोई विकेट नहीं लेने दिया। थरंगा के चेहरे पर तनाव साफ देखा जा रहा था। इस ओवर की चौथी गेंद पर थरंगा ने बेहतरीन ड्राइव मारा लेकिन युवराज ने शानदार फिल्डींग कर बल्लेबाज के मंसूबे पर पानी फेर दिया। यह ओवर भी मैडन गया। इस तरह शुरुआती पाँच ओवर में लंका -->